आगरा से हाईजैक बस की लोकेशन 16 घंटे बाद इटावा में मिली, सभी 34 यात्री सुरक्षित

इटावा. यूपी आगरा से बुधवार रात हाईजैक हुई बस की पुलिस ने 16 घंटे बाद इटावा के बलरई थाना क्षेत्र में लोकेशन ट्रेस की। सभी 34 यात्रियों के सुरक्षित होने का दावा किया गया है। पुलिस का कहना है, फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने बस को कब्जे में लिया था, जबकि फाइनेंस कंपनी का कहना है कि बस पर कोई बकाया नहीं था। बता दें, मंगलवार को ग्वालियर के रहने वाले बस मालिक की मौत हो गई थी। बस पर कल्पना ट्रैवल्स लिखा है। ड्राइवर और कंडक्टर ने बताया था कि आगरा के दक्षिणी बाइपास पर बदमाशों ने 300-300 रुपए देकर उन्हें रास्ते में उतार दिया था। पुलिस ने बस हाइजैक की सूचना मिलने पर मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की पुलिस को अलर्ट मोड़ पर रखा था।
सामने आया लेनदेन का विवाद
बस हाइजैक कांड में रुपए के लेनदेन को लेकर विवाद सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, बस मालिक और फिरोजाबाद के एक व्यापारी के बीच रुपए के लेनदेन का विवाद था। बस मालिक की मौत के बाद व्यापारी को लगा कि उसका पैसा डूब जाएगा तो उसने यह खेल रचा। जिन लोगों ने बस को हाइजैक किया था, उनका कुछ पता नहीं चला है। वहीं, श्रीराम फाइनेंस के रीजनल बिजनेस हेड ने किसी भी लोन से इनकार किया है। उन्होंने कहा, इस बस का लोन 2018 में ही पूरा हो चुका है।
कैसे हाईजैक हुई थी बस?
ग्वालियर के डबरा के रहने वाले कंडक्टर रमेश ने अपने बयान में कहा, मैं बस (यूपी 75 एम 3516) में 34 सवारियों को लेकर मंगलवार शाम करीब 5 बजे गुड़गांव से मध्य प्रदेश के पन्ना में अमानगंज के लिए निकला था। रात करीब साढ़े 10 बजे हम आगरा के दक्षिणी बाइपास के पास रायभा टोल प्लाजा के पास पहुंचे। इस बीच दो कार में सवार 8-9 लोगों ने खुद को फाइनेंसकर्मी बताकर बस को रुकवाया। ड्राइवर को नीचे उतरने के लिए कहा, लेकिन उसने बस आगे बढ़ा दी। इसके बाद कार सवारों ने बस का पीछा किया। मलपुरा में न्यू दक्षिणी बाइपास पर आरोपियों ने ओवरटेक करके बस को रुकवा लिया। जिसके बाद चार लोग बस में सवार हो गए और खुद बस चलाने लगे।
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बदमाश बस को एक्सप्रेसवे पर ले गए
कंडक्टर रमेश ने कहा, बदमाश सैंया से फतेहाबाद होते हुए बस को लखनऊ एक्सप्रेस वे पर ले गए। जहां उन्होंने एक ढाबे पर खाना खाया। मुझसे सवारियों के टिकट के पैसे वापस कराए। वहां से निकलने के बाद दिल्ली-कानपुर हाईवे पर मुझे और ड्राइवर को 300-300 रुपए देकर कुबेरपुर के पास छोड़ दिया। सुबह करीब 4 बजे हमने मलपुरा थाने में घटना की जानकारी दी।
पुलिस ने चारों तरफ से कर दी थी घेराबंदी
आईजी ए सतीश गणेश ने बताया, खबर मिलते ही राजस्थान, मध्य प्रदेश के अधिकारियों को सूचना दी गई और पुलिस को अलर्ट कर दिया गया। दिल्ली-कानपुर हाइवे और सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया, बस की लोकेशन ट्रेस की गई। आशंका जताई जा रही थी कि बस दिल्ली की ओर लौटकर गई। मथुरा पुलिस को भी अलर्ट किया गया था।
एसएसपी ने कही ये बात
आगरा के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया, थाना नौगांव छतरपुर में एक यात्री मिला है। झांसी के सीओ को भेजा गया है। यात्रियों को दूसरी गाड़ी में बैठाया गया। इसके बाद झांसी रोडवेज से यात्री छतरपुर निकले। जिन लोगों ने बस को हाईजैक किया था, उनमें से एक को चिन्हित कर लिया गया है। मृतक के बेटे ने बताया था कि कुछ लोग आए थे। जिनसे पैसे के लेन देन को लेकर विवाद हुआ था। संभवतया उन्हीं लोगों ने ये कदम उठाया।