भाजपा महानगर अध्यक्ष का बेटा है, NCERT की डुप्लीकेट किताबें छापने का मास्टरमाइंड

मेरठ (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। मेरठ में एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबें छापने का पर्दाफाश हुआ है। यूपी एसटीएफ और मेरठ पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में 35 करोड़ की डुप्लीकेट किताबें पकड़ी गई हैं। छह प्रिंटिंग मशीनें मिली हैं। दर्जनभर लोगों को हिरासत में लिया गया है। एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबें छापने का मास्टरमाइंड सचिन गुप्ता भाजपा नेता संजीव गुप्ता का बेटा है।
एसटीएफ डीएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि परतापुर के अछरौंडा में गोदाम और मोहकमपुर की प्रिंटिंग प्रेस का मालिक सचिन गुप्ता है। फिलहाल वह फरार है। छापेमारी के तुरंत बाद सचिन से पुलिस अधिकारियों की फोन पर बातचीत हुई। उसने कहा कि वह किताबों के कागजात लेकर आ रहा है, लेकिन बाद में नहीं आया और मोबाइल भी बंद कर लिया।
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एसटीएफ के सब इंस्पेक्टर संजय सोलंकी ने सचिन गुप्ता सहित प्लांट सुपरवाइजर व चार-पांच अन्य लोगों के खिलाफ कई धाराओं में परतापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। मोहकमपुर प्रिंटिंग प्रेस से एसटीएफ को एक होर्डिंग मिला है। इसमें संजीव गुप्ता को भाजपा का महानगर उपाध्यक्ष बताया गया है। होर्डिंग पर भाजपा महानगर अध्यक्ष समेत कई जनप्रतिनिधियों के फोटो छपे हुए हैं। संजीव गुप्ता गांधी संकल्प पदयात्रा का मेरठ-हापुड़ लोकसभा का संयोजक भी रह चुका है।
यह होता है खेल
एनसीईआरटी की सरकारी किताबें फुटकर विक्रेताओं को 15 प्रतिशत कमीशन पर मिलती हैं। इनका छपाई केंद्र दिल्ली के अलावा कहीं और नहीं है। असली किताबें पाने के लिए फुटकर विक्रेताओं को पूरी रकम एडवांस जमा करनी पड़ती है। जबकि एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबें विक्रेताओं को 30 प्रतिशत कमीशन पर मिल जाती हैं। इसमें एडवांस पेमेंट नहीं देना होता। इसलिए इस गिरोह से थोक और फुटकर किताब विक्रेता भी मिले हुए होते हैं।