पीपीई किट के इस्तेमाल के बाद निस्तारण में रखे सावधानी, इधर-उधर छोड़ देने से बढ़ जाता है संक्रमण का खतरा

0

देवरिया (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। कोविड-19 के खिलाफ जंग में जुटे स्वास्थ्यर्किमयों, अस्पतालों व अन्य कार्यस्थलों के स्टाफ को सुरक्षित बनाने में PPE kit की बड़ी भूमिका है। इस्तेमाल के बाद इधर-उधर खुले में छोड़ देने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अस्पतालों, एम्बुलेंस, एयरपोर्ट और यहाँ तक कि शमशान घाटों तक पर खुले में फेंकी गई पीपीई किट अपने साथ ही दूसरों को भी मुश्किल में डालने का काम कर रहे हैं। ऐसे में पीपीई किट के इस्तेमाल और निस्तारण में बेहद सावधानी की जरूरत है।

सीएमओ डॉ. आलोक कुमार पाण्डेय का कहना है कि इस्तेमाल की गई पीपीई किट से कम से कम दो दिन तक संक्रमण का खतरा रहता है। किट चाहे मॉस्क हो या गाउन उसको इधर-उधर न फेंके, बल्कि उसके लिए निर्धारित ढक्कन बंद पीली डस्टबिन में ही उसे डालें। अस्पतालों को भी चाहिए कि बॉयोवेस्ट (अस्पताल के कचरे) के निस्तारण की व्यवस्था दुरुस्त रखें। पीपीई किट को इस्तेमाल के बाद इधर-उधर फेंकना आपराधिक कृत्य है, जो बहुत गंभीर मामला है, ऐसा करते पाए जाने पर महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई तक हो सकती है।

पर्यावरण के लिए भी है खतरा
उन्होंने बताया कि इससे जहां संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, वहीं इसका सीधे तौर पर पर्यावरण पर भी असर पड़ता है जो कि लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकता है। अस्पतालों ने अस्पताल के कचरे के निस्तारण का काम एजेंसियों के जिम्मे कर रखा है, जो कचरे को निस्तारित करने के लिए इन्सीनरेटर मशीन लगा रखी हैं, जहां पर इसका समुचित निस्तारण होता है, ताकि किसी तरह के प्रदूषण का खतरा न रहे। ​उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बाकायदा गाइडलाइन जारी की है कि पीपीई किट के इस्तेमाल और निस्तारण में किस तरह से सावधानी बरतनी है। देश में इस समय रोजाना लाखों पीपीई किट का इस्तेमाल हो रहा है और यह एक बार ही इस्तेमाल के लिए है। इसलिए इस्तेमाल के बाद इसको मशीन के जरिये ही नष्ट किया जाना सबसे उपयुक्त तरीका है।

पीपीई किट में क्या-क्या है शामिल
इस किट में सिर से पांव तक को पूरी तरह से कवर करने का पूरा ध्यान रखा गया है। इसमें सिर को ढकने के लिए कैप, गॉगल्स/फेस शील्ड, एन-95 मॉस्क, ग्लब्ज, गाउन (एप्रन के साथ व एप्रन के बिना दोनों तरह से) और शू-कवर शामिल है।