यूएन में नाकाम हुई चीन की चाल, कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण के प्रयास को अमेरिका समेत कई सदस्य देशों ने ठुकराया

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नई दिल्ली (संदेशवाहक न्यूज डेस्क)। चीन अनुच्छेद 370 को जम्मू—कश्मीर में निष्क्रिय किए जाने के मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास कर रहा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मामला उठाने की एक और कोशिश करने पर चीन पर बृहस्पतिवार को निशाना साधते हुए कहा कि वह देश के आंतरिक मामलों में बीजिंग के “हस्तक्षेप” को “दृढ़ता से” खारिज करता है। भारतीय राजनयिक ने कहा कि सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद चीन द्वारा यूएन में कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की पाकिस्तान की कोशिश एक बार फिर बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमने इस बात पर गौर किया है कि चीन ने भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से जुड़े मामलों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चर्चा शुरू की।” उसने कहा, “यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने ऐसे विषय को उठाने की कोशिश की है, जो पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। पहले की तरह इस बार भी इस कोशिश को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का खास समर्थन नहीं मिला।” विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम हमारे आंतरिक मामलों में चीन के हस्तक्षेप को दृढ़ता से खारिज करते हैं और उससे इस प्रकार की निष्फल कोशिशों से उचित सीख लेने का आग्रह करते हैं।”

बुधवार को सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में अनौपचारिक बैठक हुई। इस बैठक में अमेरिका के नेतृत्व में कई सदस्य देशों ने चीन के प्रस्ताव का विरोध किया और साफ कर दिया कि जम्मू- कश्मीर भारत पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है। जिसे इस फोरम पर नहीं उठाया जा सकता। इसके बाद चर्चा बिना बगैर किसी निष्कर्ष के खत्म कर दी गई। चीन इससे पहले जनवरी में भी इसी प्रकार का एक प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में लाने की कोशिश कर चुका है। जिसमें उसे मुंह की खानी पड़ी थी और प्रस्ताव बिना किसी निष्कर्ष के रद्द कर दिया गया था।

चीन द्वारा कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने का प्रयास तब किया जा रहा है जब उसका भारत से पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद जारी है। पिछले साल 5 अगस्त को, भारत ने जम्मू-कश्मीर की विशेष शक्तियों को संवैधानिक रूप से वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के अपने फैसले की घोषणा की थी।