नौकरी के नाम पर दो दर्जन बेरोजगार युवको से जालसाजी, कोई डिप्रेशन में तो किसी का बिक गया खेत

वाराणसी (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। नौकरी के नाम पर जालसाजो ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से छह से दस लाख रुपये तक की वसूली की है। किसी ने खेत बेचकर तो किसी ने ब्याज पर पैसा लेकर दिया था। इसके बावजूद उन्हें नौकरी भी नहीं मिली और पैसा भी डूब गया। लाखों रुपये फंस जाने के कारण कई युवक डिप्रेशन में चल रहे हैं। वहीं, परिवार वालों को समझ में नहीं आ रहा है की क्या करें।
बता दें, जालसााजों ने संस्कृत विवि के नाम पर एक फर्जी वेबसाइट बनाई थी। इसी वेबसाइट के माध्यम से आवेदन मांगा। यही नहीं ऑनलाइन परीक्षा भी कराई। विश्वविद्यालय के सामने आयुर्वेंद कालेज में पांच हजार रुपये लेकर मेडिकल भी कराया। यहीं नहीं विश्वविद्यालय के लेटर पैड पर बकायादा नियुक्ति पत्र भी दिया। कुलसचिव के हस्ताक्षर से जारी परिचय पत्र भी बेरोजगार युवकों को दिया गया है। परिसर स्थित इलाहाबाद बैंक (अब इंडियन बैंक) खाता भी खोलवाया गया। उपस्थिति पंजिका पर लगातार तीन माह तक हस्ताक्षर कराने के बाद भी वेतन के नाम पर एक रुपया नहीं दिया गया। दबाव बनाने पर पता चला कि नियुक्ति फर्जी है।
23 बेरोजगार युवकों को फंसाया
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जालसाजी के भुक्तभोगी दिनेश इस घटना के बारे में बताते हुए रोने लगे। बोले मेरे दादा सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके। उन्होंने आत्महत्या कर लिया। वहीं उसके जाने के बाद ब्याज का पैसा चुकाने के लिए ढाई बीघा खेत बेचना पड़ा। जालसाजों ने ऐसे 23 बेरोजगार युवकों को फंसाया था। 15 युवकों को लिपिक पद पर व आठ युवकों को परिचारक पद नियुक्ति पत्र बांटा था।
संस्कृत विश्वविद्यालय में फर्जी नियुक्ति के मामले में किसी बड़े रैकेट के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों की भी संलिप्तता बताई जा रही है। इस खेल में विश्वविद्यालय के दो कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। जालसाजों ने कर्मचारियों को मिलाकर फर्जी नियुक्ति का पूरा खेल रचा है।
समझौते के लिए बना रहे दबाव
फर्जी नियुक्ति के खेल में जालसाज अब स्वयं फंस गए हैं। उन्हें जेल जाने का भय सता रहा है। जालसाज अब नियुक्ति बांटने वाले युवकों से समझौते के लिए दबाव बना रहे हैं। इस क्रम में जानसाजों ने मंगलवार को तीन युवकों को एक-एक लाख रुपये लौटाया है। यही नहीं दो दिनों के भीतर तीन लाख रुपये और वापस करने का भरोसा दिलाया है। साथ ही धमकी भी दी है कि यदि पुलिस को सूचना दी तो शेष पैसा हम नहीं लौटाएंगे। इससे लेकर युवक दुविधा में पड़े हुए हैं।