राहुल के लंदन वाले बयान पर राज्यसभा में गतिरोध जारी: सत्ता और विपक्ष अपने-अपने रुख पर अड़ा

नई दिल्ली : भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए राहुल गांधी के बयान पर राज्यसभा में गतिरोध जारी है। राहुल गांधी से माफी की मांग को लेकर सत्ता और विपक्ष अपने-अपने रुख पर अड़ा हुआ है। इसके अलावा संयुक्त संसदीय समिति गठित करने में सरकार की विफलता के मुद्दे पर हुए हंगामे की वजह से सोमवार को राज्यसभा में गतिरोध कायम रहा।
आपको बता दें कि हंगामे के कारण सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे फिर शुरू होने के मात्र एक मिनट में ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
गौरतलब है कि सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि नियम 267 के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को लेकर उन्हें 14 नोटिस मिले हैं। इनमें से नौ नोटिस कांग्रेस सदस्यों के थे।
सभापति ने कहा कि कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, रंजीत रंजन, कुमार केतकर, सैयद नासिर हुसैन सहित कुछ अन्य सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए जेपीसी गठित करने में सरकार की विफलता पर नोटिस दिया है। इसी बीच सदन में हंगामा और शोरगुल शुरू हो गया।
सत्ता पक्ष के सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे। जबकि विपक्षी सदस्य अडाणी मुद्दे को लेकर सरकार पर आक्षेप लगा रहे थे। हंगामा होता देख धनखड़ ने 11:10 पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर सदन में वही नजारा देखने को मिला। हंगामे के बीच ही उप सभापति हरिवंश ने बीजू जनता दल के सुजीत कुमार का नाम कौशल विकास एवं उद्यमित मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा शुरू करने के लिए पुकारा। किंतु सदन में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष, दोनों ही तरफ के सदस्य हंगामा कर रहे थे। तो वहीं हंगामा थमता न देख उप सभापति ने महज एक मिनट में ही बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही भारतीय जनता पार्टी के सदस्य कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग पर अड़े हुए हैं। जबकि कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के सदस्य अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने पर जोर दे रहे हैं।
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