दो सांसद, सात विधायक व कैबिनेट मंत्री होने के बाद भी, नही बन सका विश्वविद्यालय

गोण्डा। जनपद की आबादी 40 लाख से भी अधिक है। इसमें 7 विधानसभा व 2 लोकसभा क्षेत्र आते हैं। यह देवीपाटन मण्डल का मुख्यालय भी है। यहांं उच्च शिक्षा की बात बेमानी है। यहां न तो सरकारी महाविद्यालय है और न ही महिला महाविद्यालय की व्यवस्था। मात्र एक अर्धसरकारी महाविद्यालय है, जिसमें सीटें भी लिमिटेड हैं। इससे हर साल सैकड़ों छात्र प्रवेश से वर्जित रह जाते हैं। इसके बावजूद जनप्रतिनिधियों द्वारा छात्रों की परेशानियों को अनदेखा कर दिया जाता है। नौजवानों को उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए विश्वविद्यालय स्थापना की कारगर पहल किसी भी मंत्री, सांसद या विधायक द्वारा नहीं की गयी।
जिले से हर वर्ष लाखों की संख्या में छात्र इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करते हैं, लेकिन स्नातक के लिए जिले में केवल एक ही वित्त पोषित कॉलेज है, जिसमें सीटों की संख्या अपेक्षा से काफी कम है। ऐसे में बचे हुए छात्र निजी महाविद्यालयों में प्रवेश को मजबूर होते हैं या फिर उन्हें जिले से बाहर जाना पड़ता है।
बताते चलें कि देवीपाटन मण्डल गोण्डा को छोड़कर प्रदेश के सभी मण्डलों में विश्वविद्यालय की स्थापना हो चुकी है। यहां तक कि बस्ती, आजमगढ़ व सहारनपुर जैसे छोटे मण्डलों में भी राजकीय विश्वविद्यालय खोले जा चुके हैं, देश के प्रधानमंत्री रहे पंडित अटल बिहारी बाजपेयी को पहली बार चुनकर लोकसभा में भेजने वाला जिला गोण्डा आज भी विश्वविद्यालय का मोहताज है। वर्ष 1991 के राम लहर में गोण्डा-बलरामपुर संयुक्त जनपद से 11 विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। बंटवारे के बाद वर्ष 2012 के चुनाव में गोण्डा जिले की सात में से छह सीटों पर सपा विधायक जीते, जिसके बलबूते अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने। 2017 के चुनाव में जिले की जनता ने सभी सातों सीटें भाजपा की झोली में डाल दी, फिर भी राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी के चलते स्वास्थ्य व शिक्षा के मामले में जिला उपेक्षित ही रहा।
राजनीतिक इच्छा शक्ति के बदौलत ही जौनपुर जैसे छोटे से जिले में भी करीब ढाई दशक पूर्व पूर्वांचल विश्वविद्यालय खोला जा चुका है। मात्र दो जिले के मण्डल सहारनपुर में राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जा चुकी है। अखिलेश सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे माता प्रसाद पाण्डेय ने इच्छाशक्ति दिखाई तो बस्ती मण्डल के सिद्धार्थ नगर जिले में नेपाल की सीमा के समीप सिद्धार्थ विश्वविद्यालय खोल दिया गया, किन्तु गोण्डा जिले की सुध लेने वाला कोई नहीं है। यहां की मनकापुर सीट से विधायक रमापति शास्त्री योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
जिले के निवासी कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह व गोण्डा के भाजपा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया के साथ ही सातों विधायकों ने भी विश्वविद्यालय के लिए ईमानदार पहल नहीं की। सच कहा जाय तो इन जनप्रतिनिधियों में मंडल मुख्यालय पर विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है।