भोले शंकर का दर्शन न पाकर निराश हुए भक्त

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कन्नौज। आज से सावन मास शुरू हो गया और यह संयोग है कि आज पहला सोमवार भी है लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों के कपाट बंद रहे। इसके चलते भक्त जलाभिषेक, पूजन नहीं कर सके।

भक्तों का कहना है कि जब सब जगह अनलाक है तो सावन के सोमवार को बाबा भोले को लाक क्यों कर दिया। भक्तों ने अपने दिल की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जहां संक्रमण सबसे ज्यादा है वहां भी भक्तों को दर्शन की इजाजत दी गई। लेकिन कन्नौज के सिद्ध गौरी पीठ को लाक रखा गया।

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मंदिर के पुजारी ने बाबा का श्रंगार किया और चांदी का मुकुट पहनाया। लेकिन भक्त भोलेनाथ का दर्शन नहीं कर सके। हालांकी मंदिर कमेटी ने आनलाइन दर्शन की व्यवस्था की थी। कन्नौज का सिद्ध गौरी पीठ बाबा गौरी शंकर महादेव मंदिर जहां हर्ष युग में एक हजार पुजारी पूजन अर्चन करते थे।

बाबा गौरी शंकर की यह मान्यता है कि जिस किसी भक्त ने बाबा की चौखट पर सच्चे दिल से शीश नवाया है उसकी हर मनोकामना पूर्ण हुई। चौधरियापुर में एक टीले में बसे बाबा विश्वनाथ हर भक्त की मुरादें पूरी करते हैं। नखासा स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर की मान्यता है कि एक माह तक दीप जलाने से बाबा भक्त का हर संकट हरते हैं। बाबा बलखण्डी नाथ मंदिर, बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर शिखाना, पंचमुखी दुग्धेश्वर महादेव मंदिर अपनी सिद्धता के लिये विख्यात है।

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