DG ने पदक देकर बढ़ाया जेलकर्मियों का मनोबल, जेल विभाग में गोल्ड-सिल्वर देने की शुरू की नई परंपरा
शहीद जेलकर्मियों के लिए मुख्यालय में बनवाया स्मारक, अब तक सभी संवर्गों के 15 सौ कर्मियों को दिलाया प्रमोशन

संदेशवाहक डिजिटल डेस्क/लखनऊ। पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक कारागार आनंद कुमार ने जेल अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी है। चुनिंदा घटनाओं को छोड़ दें तो डीजी जेल ने तमाम ऐसे कार्य किए जो विभाग में वर्षों से लंबित पड़े हुए थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को आईजी का कमेंडेशन डिस्क गोल्ड एवं सिल्वर पदक देने की परंपरा शुरू की है।
प्रदेश के जेलों की बदतर हालत को देखते हुए योगी सरकार के पहले कार्यकाल में अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था संभाल रहे आनंद कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने 17 जून 2019 को कारागार विभाग की कमान सौंपी थी। करीब चार साल के कार्यकाल में आनंद कुमार ने प्रभार संभालने के बाद पड़े स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने विभाग में सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारी और सुरक्षाकर्मियों को आईजी कमडेंशन डिस्क के तहत गोल्ड-सिल्वर पदक दिए जाने का निर्णय लिया।
यह सम्मान अब तक सैकड़ों जेलकर्मियों को मिल चुका है। आईजी जेल की ओर से मिले इस सम्मान से जेल कर्मियों का मनोबल बढ़ा। इस कदम की काफी सराहना भी हुई।
आनंद कुमार ने जेलों में बंदियों की शिक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए
यही नहीं आईजी जेल ने विभाग के कई संवर्गों जिनके पिछले काफी समय से प्रमोशन नहीं हुए थे। आनंद कुमार उनके प्रमोशन की प्रक्रिया को शुरू किया। इस प्रक्रिया के तहत विभाग के डीआईजी, वरिष्ठ अधीक्षक, अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर, हेड वार्डर से लेकर वार्डर तक के प्रमोशन किए गए। इनके कार्यकाल में अब इन संवर्गो के करीब 15 सौ से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रोन्नत किया जा चुका है। इन्होंने जेलों में बंदियों की शिक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए।
‘वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट’ के तहत जेलों पर आउटलेट खुलवाए
इसके अलावा डीजी पुलिस/आईजी जेल आनंद कुमार ने मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में ‘वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट’ के तहत जेलों में उत्पादन कराने के साथ इनकी बिक्री के लिए कई जेलों पर आउटलेट भी खुलवाए। आईजी जेल ने प्रदेश भर की जेलों में निर्मित होने वाली वस्तुओं को आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए जेल मुख्यालय परिसर में भी एक आउटलेट बनवाया है। इससे कोई भी व्यक्ति जेलों में निर्मित की गई वस्तुओं को आसानी से ले सकता है।
शहीद जेलकर्मियों के लिए मुख्यालय में बनवाया स्मारक
उन्होंने जेल मुख्यालय परिसर में ही अपराधियों की गोली का शिकार होकर शहीद हुए जेल अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए शहीद स्मारक भी बनवाया है। यह स्मारक शहीदों की यादों को ताजा करता नजर आता है। इसके अलावा जेल मुख्यालय में वीडियो वॉल, बॉडी वार्न कैमरे और ड्रोन कैमरे सरीखे तमाम अत्याधुनिक उपकरण जेलों को मुहैया कराए हैं।
बाबुओं को वर्दी के साथ ‘पी कैप’ का दिलाया तोहफा
डीजी पुलिस/ आईजी जेल ने पुलिस कर्मियों को तर्ज पर जेल विभाग के लिपिकीय संवर्ग को भी वर्दी के सात स्टार की सुविधा मुहैया करा दी। बाबू संवर्ग के कमियों को स्टार लगी वर्दी के साथ ही पी कैप लगाने की भी सुविधा प्रदान कराई गई है। आईजी के इस कदम को ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है। बताया गया है कि जेलों में बंदियों की मदद के आने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को भी कमेंडेशन डिस्क देकर पुरस्कृत किया गया। अब तक यह सम्मान ढाई सौ संस्थाओं को दिया जा चुका है।