दो वर्ष में ही जर्जर हो गया, प्रधान द्वारा बनवाया गया आवास, खतरे में लाभार्थी परिवार

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लखीमपुर खीरी (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सत्ता संभालने से पहले ही चुनावी सभाओं में सभी को छत मुहैया कराने के लिए आवास योजना की घोषणा की थी। इस महत्वाकांक्षी योजना के धन के बंदरबांट के लिए ग्राम प्रधान पंचायत सेक्रेटरी ही नहीं ब्लॉक से लेकर जिला स्तरीय अधिकारी कर्मचारी तक पूरी तरह से सक्रिय हो गए। जिसके परिणाम स्वरूप योजना के अंतर्गत बनाए गए आवास पूरी धनराशि निकलने के बाद भी ज्यादातर आवास अभी तक अधूरे हैं और उनके पूरा होने की कोई उम्मीद भी नहीं है। इससे सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि 70 प्रतिशत लोगों को आवास मिल चुके हैं या यूं कहें गांव से लेकर शहरों तक ज्यादातर लोगों को सरकार से आवास योजना का लाभ मिल चुका है। जबकि हकीकत कुछ और ही है जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत में अपवाद छोड़कर ज्यादातर आवास अधूरे हैं।

ऐसा ही एक मामला पसगवां ब्लाक की ग्राम पंचायत पिपरी अजीज में प्रकाश में आया है। बताते चलें पसगवा ब्लॉक की ग्राम पंचायत पिपरी अजीज निवासी अंजली देवी पत्नी मुनीम को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला था। उनका परिवार अत्यंत निर्धन है। भूमिहीन होने के कारण दैनिक मजदूरी कर जीविकोपार्जन करता है। कच्चे मकान में रहकर जीवन बसर कर रहा था। तभी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी बनाया गया। जब इनके खाते में आवास योजना की धनराशि आई। तभी ग्राम प्रधान रामदुलारी त्रिवेदी के पति बलराम कृष्ण त्रिवेदी प्रकट हुए और खाते से पूरी धनराशि निकलवाकर अपने हाथ में लेकर कहा कि हम तुम्हारा आवास स्वयं बनवाएंगे और ऐसा ही हुआ। किस्तों में आई सारी धनराशि लेकर उन्होंने आवास बना दिया।

पीड़ित लाभार्थी

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2018-19 में बने आवास में फर्श प्लास्टर तो लगाया ही नहीं, पूरा पीला ईंट का प्रयोग और मानकविहीन सामग्री लगाकर लीपापोती करके आवास का ढांचा बनाकर पूरी धनराशि डकार लिया। इसीलिए वह सिर्फ कहने को पक्का मकान है। कभी भी धराशाई होने का इंतजार कर रहा है। इससे उसमें रह रहे लाभार्थी के परिवार की जान का हर समय खतरा बना रहता है।

इस समस्या के समाधान के लिए अब लाभार्थी से पीडि़त हो चुके परिवार ने एसडीएम मितौली दिग्विजय सिंह को प्रार्थनापत्र देकर पूरे मामले की जांच कराकर कार्यवाही एवं आवास पूर्ण कराने की गुहार लगाई। एसडीएम ने उक्त गरीब परिवार को फुटबॉल की तरह ठोकर मार कर बीडीओ पसगवां के पास भेजकर इति सिद्धि कर दिया। इस मामले में अब ग्राम प्रधान ने भी चुप्पी साध ली है।

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