डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में बड़ा खुलासा, शव को जलाना चाहता था आरोपी लेकिन…

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आगरा. यूपी के आगरा में 26 साल की डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। गिरफ्तार आरोपी डॉ विवेक तिवारी ने पूछताछ में बताया कि वो योगिता के शव को जलाना चाहता था, लेकिन किसी की आहट मिलने पर वो डर और शव को झाड़ी में फेंककर फरार हो गया। बता दें, विवेक योगिता का सीनियर था। वह उससे शादी करना चाहता था, मना करने पर उसकी हत्या कर दी। पुलिस की मानें तो दोनों 7 साल से रिलेशन में थे।

पूछताछ में लगातार बदलता रहा बयान
डॉ. विवेक ने पूछताछ में कहा, मंगलवार शाम मैं जालौन से योगिता से मिलने आगरा आया था। योगिता कार में बैठी तभी उससे बहस शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि मैंने गुस्से में आकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। मुझे लगा कि वह मरी नहीं है। मैं अपनी कार में चाकू रखता हूं। उसी चाकू से योगिता के सिर और चेहरे पर वार किए। फिर सुनसान जगह पर शव फेंक दिया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद दोबारा से हुई पूछताछ
गुरुवार देर शाम डॉक्टर योगिता गौतम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो उसके शरीर से तीन गोलियां लगने की बात सामने आई। जबकि हत्यारोपी डॉक्टर विवेक के कबूलनामे में गोली मारने की बात नहीं थी। इसके बाद पुलिस ने नए सिरे से पूछताछ की तो आरोपी ने कहा, योगिता मुझसे दूरी बना रही थी। लगा कि वह किसी और को चाहने लगी है। मुझे यह बर्दाश्त नहीं था। इसलिए आखिरी बार मुलाकात के लिए दबाव बनाया। योगिता नूरी गेट पर राहुल गोयल के मकान में किराए पर रहती थी। घर के बाहर से योगिता को रिसीव किया। लेकिन कार में बैठते ही वो नोकझोंक करने लगी। तभी मैंने उसके गाल पर थप्पड़ जड़ दिया।

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अपने साथ कार में चाकू, रिवाल्वर और केमिकल लाया था आरोपी
विवेक ने आगे कहा, इसके बाद मैंने उसके बाल पकड़े। तब योगिता ने कहा, तुमने मेरा इस्तेमाल किया है और मैं तुमसे नफरत करती हूं। इसके बाद मैंने उसका गला दबा दिया। मैं अपने साथ कार में बड़ा चाकू, पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर व कुछ केमिकल लेकर आया था। गला दबाने से योगिता नहीं मरी तो उसके सिर पर गोली मार दी। इसके बाद भी लगा कि वह मरी नहीं है तो सिर पर गोली के घाव पर चाकू से हमला किया। योगिता के एक गोली सिर में, दूसरी गोली कंधे में और तीसरी गोली सीने में मिली है।

योगिता की हत्या करने के बाद विवेक ने डौकी में शव खेत में फेंक दिया। जहां शव के ऊपर लकड़ियां डाली। वह शव को जलाने ही वाला था कि अचानक से उसे किसी के आने की आहट सुनाई दी। जिसके बाद वह वहां से लखनऊ एक्सप्रेसवे के टोल से होते हुए उरई के लिए निकल गया। फतेहाबाद टोल पार करने के बाद उसने रिवाल्वर खेत में फेंक दी। इसके बाद रात में उरई पहुंच गया। यहां रातभर रुकने के बाद सुबह छह बजे कानपुर के लिए निकल गया। रास्ते में खून से सने कपड़े भी फेंक दिए। कानपुर में अपने घर में रुका। कुछ देर बाद अपनी दूसरी कार से उरई आ गया।

पुलिस को मिले ये सबूत
पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त कार, चाकू और योगिता के हाथ से मिले बाल को बरामद किया है। जिसे जांच के लिए भेजा गया है। वहीं, विवेक के खून से सने कपड़े, हत्या में प्रयुक्त की गई पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर की तलाश की जा रही है। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।

कौन थी योगिता
डॉक्टर योगिता दिल्ली के शिवपुरी कॉलोनी पार्ट-2 में रहती थींं। उन्होंने 2009 में मुरादाबाद के तीर्थंकर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया। 3 साल पहले एसएन मेडिकल कॉलेज में पीजी में एडमिशन लिया था। वह आगरा में थाना एमएम गेट के नूरी दरवाजे में किराए पर रहती थीं। डॉक्टर योगिता का कोविड-19 से पीड़ित मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण योगदान रहा। आरोपी डॉक्टर विवेक तीर्थंकर मेडिकल कॉलेज में योगिता से एक साल सीनियर था। तभी उसकी मुलाकात हुई थी।

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