कोरोना के कारण सैकड़ो साल पुरानी परंपरा पर लगा ग्रहण, नहीं निकलेगा दधिकांधा

कन्नौज (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कन्नौज में निकलने वाला दधिकांधा महोत्सव की सैकड़ो साल की परंपरा पर कोरोना के कारण ग्रहण लग गया। इस बार कोरोना के कारण शहर में दधिकांधा महोत्सव नही निकलेगा।
श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव यद्यपि मथुरा बृन्दावन और गोकुल में मनाया जाता है और पूरे देश में जन्मोत्सव की धूम रहती है लेकिन कन्नौज में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर दधिकांधा महोत्सव की अपनी एक अलग पहचान थी।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के दूसरे दिन नगर के विशुनपुर टीला से दधिकांधा महोत्सव की शुरुआत होती थी। वर्षो पूर्व सैकड़ो नृतकियां बिना बुलाये ही कन्नौज पहुँच जाती थी और दधिकांधा में भाग लेती थीं। भगवान बालकृष्ण को चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया जाता था और चार कहार सिंहासन को कंधे पर रखकर चलते थे। जगह जगह भगवान बालकृष्ण की आरती व पूजन किया जाता था।
शहर में भारी भीड़ एकत्र होती थी लेकिन बढ़ती अराजकता के कारण धीरे-धीरे नृतकियो का आना बंद हो गया लेकिन फिर भी भगवान के विभिन्न स्वरूपो को दर्शाती हुई झाकिया व बैंड बाजे निकाले जाते रहे। दूसरे दिन नगर के मोहल्ला होली से दधिकांधा निकलता था जिसमे कन्नौज की गलियां हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की के स्वरों से गूंजती थी।
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तीसरे दिन बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर शिखाना से राष्ट्रीय दधिकांधा निकलता था।
चौथे दिन मोहल्ला पकरिया टोला से दधिकांधा निकलता था जो नगर की प्रमुख सड़को से निकलता हुआ बाबा अस्तल में जाकर समाप्त होता था लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण दधिकांधा महोत्सव नहीं निकल सकेगा।