राम मंदिर के मॉडल की तस्वीरें आई सामने, अयोध्या के हर कोने से दिखेगा मंदिर

अयोध्या. 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होना है। इससे पहले मंगलवार को राम मंदिर के मॉडल की तस्वीरें सामने आई है। 161 फीट ऊंचे मंदिर में 5 मंडप और एक मुख्य शिखर है। दावा है कि अयोध्या के हर कोने से मंदिर दिखेगा। बता दें, साल 1989 में राम मंदिर का मॉडल बनाया गया था, जिसमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बदलाव किया। जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर साढ़े 3 साल में बनकर तैयार होगा।
राममंदिर का नक्शा तैयार करने वाले चीफ आर्किटेक्ट सोमपुरा के बेटे निखिल सोमपुरा ने बताया, कुल भूमि 67 एकड़ है। लेकिन, मंदिर 2 एकड़ में ही बनेगा। बाकी 65 एकड़ की जमीन पर राम मंदिर परिसर का विस्तार किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, मंदिर बनने के बाद अयोध्या में एक दिन में एक लाख राम भक्तों के आने की संभावना है। इसलिए मंदिर मॉडल में परिवर्तन करना जरूरी था।
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मंदिर करीब 318 पिलर पर खड़ा होगा
उन्होंने बताया, मंदिर के मूल मॉडल में बिना परिवर्तन किए 2 गुंबद बढ़ाकर 5 गुंबद किया गया है। गर्भगृह से 200 फीट नीचे की मिट्टी का परीक्षण किया गया था। जिस इलाके में मिट्टी मंदिर के लोड सहने में कमजोर मिलेगी, उसके आगे तक मंदिर के आधार का प्लेटफार्म बढ़ाया जाएगा। मंदिर में सिंहद्वार, रंग मंडप, नृत्य मंडल, पूजा कक्ष और गर्भगृह के ऊपर पांचों गुंबद बनेंगे। शिलापूजन के बाद मशीनें लगाकर नींव खुदाई का काम शुरू हो जाएगा। मंदिर के फर्श में संगमरमर लगाया जाएगा। यह मंदिर लगभग 318 पिलर पर खड़ा होगा।
1.75 लाख घन फुट पत्थर की होगी जरूरत
जानकारी के मुताबिक, पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की जरूरत बताई गई थी। कारसेवकपुरम् में मंदिर के लिए पत्थर तराशे गए हैं, जिनसे एक मंजिला भवन तैयार हो जाएगा। बाकी दो मंजिला भवन के लिए पत्थर तराशे जाएंगे। मंदिर के नींव के प्लेटफार्म को तैयार करने में तीन-चार महीने लग सकते हैं। यह नागर शैली में बना अष्टकोणीय मंदिर होगा। इसमें भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार होगा। मुख्य मंदिर के आगे-पीछे सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर होंगे।
1990 में शुरू हुआ था पत्थर तराशने का काम
बता दें, प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिन्दू परिषद की ओर से पत्थरों को मंगाने और तराशने का काम सितंबर 1990 में शुरू किया गया था। 70 एकड़ भूमि में तीन एकड़ में मंदिर और कॉरिडोर बनेगा। इसके अलावा 67 एकड़ भूमि में कई म्यूजियम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर बनेंगे। पूरा परिसर हरा-भरा होगा।