मिट्टी तेल की मांग को लेकर बाढ़ पीड़ितों ने किया प्रदर्शन

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गोण्डा। बढ़ते जलस्तर के बीच ऐली परसौली में 34 मजरे पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं। शुक्रवार को यहां लोगों को प्रशासन की तरफ से राहत किट बांटी जा रही थी। बाढ़ राहत केंद्र ऐली परसौली पर राहत सामग्री लेने के लिए पीड़ितों का जमावड़ा था। इसी बीच भीड़ से मिट्टी तेल की मांग करते हुए आवाज बुलंद हुई और ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर मिट्टी तेल बंटवाने की मांग उठाई।

बताते चलें कि ऐली परसौली के 34 मजरे पिछले दो सप्ताह से बाढ़ की चपेट में हैं। इन मजरों में विद्युत सप्लाई बंद कर दी गई है जिससे यहां के बाशिंदे अंधेरे में रहने को विवश हैं। बाढ़ के पानी से घिरे गांवों व घरों में घुसा पानी बाढ़ पीड़ितों पर कहर बरपा रहा है। वहीं रात में उजाले की कोई व्यवस्था न होने से इनकी विवशता और भी बढ़ जाती है। गांव की शिवकला, जयपती, जयराज व माधव ने बताया कि पिछले 20 दिनों से गांव में विद्युत सप्लाई बंद कर दी गई है और मिट्टी का तेल भी नहीं मिल रहा है। रात का भोजन बमुश्किल ही मिल पाता है। रात में जहरीले जानवरों का डर सताता रहता है।

दूसरी तरफ भिखारीपुर सकरौर तटबंध को कटान से बचाने और बिशुन पुरवा के अस्तित्व को लेकर ग्रामीणों ने नदी के किनारे बांध पर रामचरित मानस पाठ का आयोजन किया है। ग्रामीणों ने बताया कि सरिस सलिला पतित पावनी सरयू मैया से हम लोगों ने मिलकर मन्नतें की थी और उसी दिन से कटान बंद हो गई।

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बिशुन पुरवा के शिव कुमार यादव कहते हैं कि लगातार हो रही कटान से धीरे-धीरे हमारे गांव का अस्तित्व मिटता जा रहा था जिसके बाद हम लोगों ने सरयू मैया से मन्नतें की और कटान बंद हो गई। फलस्वरूप रामचरितमानस पाठ का आयोजन किया गया है।

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