गोण्डा: घाघरा नदी ने मचाया तबाही, आधा दर्जन गांव घिरा

गोण्डा। बैराजों के पानी से घाघरा का जलस्तर इस वर्ष के सबसे शीर्ष ऊंचाई पर पहुंच गया है। देर रात तक घाघरा में पानी का बढ़ना तेजी से जारी रहा। घाघरा का पानी गुरुवार की देर शाम तक 70 सेंटीमीटर के ऊपर पहुंच गया, जिससे नदी और बांध के बीच टकराव शुरू हो गया है। बांध के किनारे नदी की कटान से बांध को बचाने के लिए लगाई गई परखोपाइन पानी में डूबती नजर आई और मैदानी इलाकों में तेजी से पानी का भरना शुरू हो गया है।
शुक्रवार की सुबह तक यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नकहरा गांव पूरी तरह जलमग्न हो जाएगा। इसके अलावा नैपुरा, परसावल एवं माझा रायपुर पूरी तरह जलमग्न हो चुका है। एल्गिन चरसड़ी बांध के माप के अनुसार 3 लाख 53 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हो रहा था जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि शुक्रवार को पानी की बढ़त जारी रहेगी। घाघरा नदी अपने उफान पर आने के साथ-साथ सीधे बांध से टकराने लगी है। ग्राम बांसगांव के पास नदी का जलस्तर जितना ऊंचा जा रहा है, उसके हिसाब से बनाए गए स्पर डूबने लगे हैं और नदी बांध से टकराने लगी है। उधर प्रशासन ने बांध के आसपास के गांवों को खाली कराने का काम शुरू कर दिया है।
सिंचाई विभाग द्वारा किये जा रहे दावे के अनुसार इस बार घाघरा नदी एल्गिन चरसड़ी तटबंध को कोई हानि नहीं पहुंचा पायेगी, लेकिन लगातार बढ़ रहे जल स्तर व नदी के रुख को देखने से पता चलता है कि नदी ने इस बार फिर से तबाही मचाने का मन बना लिया है। गुरूवार की सुबह 6 बजे एल्गिन ब्रिज पर ली गई माप के अनुसार नदी का जलस्तर 106.626 रहा, जो 10 बजे बढ़कर 106.716 व दिन में 4 बजे 106.776 हो गया। इसके साथ ही पानी के बढ़ने का सिलसिला तेज चल रहा है जिससे नदी से निकल कर बाढ़ का पानी नाले के रास्ते ग्राम नकहरा के मजरा पुहिल पुरवा, मोछारन पुरवा व राधे पुरवा के चारो तरफ भर गया है। यदि इसी तरह जल स्तर बढ़ता रहा तो शुक्रवार की शाम तक नकहरा गांव के सभी मजरे प्रभावित हो जायेंगे।
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वहीं माझा रॉयपुर, परसाबल, नैपुरा पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। बांध से वापस अपने घर लौटने वाले लोग पुनः अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थान पर पहुंच रहे हैं। बाढ़ चौकी गौरा सिंहपुर, पाल्हापुर एवं प्राथमिक विद्यालय नकहरा को शरण स्थल के रूप में बनाया गया है, जहां गांव के लोग अपने मवेशियों को लेकर आने लगे हैं। इसके अलावा प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर वहां राजस्व कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य विभाग के कर्मचारियों को भी तैनात कर दिया है।
बांध है प्रशासन का पहरा
एसडीएम करनैलगंज का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है और लगातार बांध पर निगरानी कराई जा रही है। एसडीएम ज्ञानचन्द गुप्ता ने बताया कि नदी का जल स्तर बढ़ रहा है जिसे देखते हुए क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। ग्रामीणों को किसी तरह की कोई समस्या नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी पूर्व में ही की जा चुकी है। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता एमके सिंह ने बताया कि जलस्तर बढ़ने-घटने से बांध को कोई खतरा नहीं है।