भारत में चिकित्सकों को दिया गया है भगवान का दर्जा : डीएम

बदायूं (संदेशवाहक न्यूज)। राजकीय मेडिकल कालेज में आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने कहा कि भारत में चिकित्सकों को भगवान का दर्जा प्राप्त है। समाज में सभी लोग चिकित्सकों को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखते है और चिकित्सकों पर पूर्ण विश्वास करते है। चिकित्सकों को भी उसी प्रकार अपने रोगियों का ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान में अनुच्छेद-21 में व्यक्तिगत स्वतंत्रता हैं, जो कि रोगियों पर भी लागू होती है। चिकित्सकों को उपचार करते समय रोगियों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता एवं उपचार में विकल्प पर ध्यान देना चाहिए। प्रधानाचार्य डॉ. आरपी सिंह ने व्यक्तिगत अनुभव बताते हुये इस बात पर जोर दिया कि चिकित्सकों की बोली भाषा इस प्रकार की होनी चाहिये कि रोगी को ठेस न पहुंचे और यह विश्वास दिलाना चाहिए कि आप शीघ्र स्वस्थ्य हो जायेंगे।
कम्यूनिटी मेडिसिन के आचार्य डॉ. आमिर अली ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी के दौरान रोगियों के परिजन भी रोगी से दूरी बना रहे हैं, ऐसे में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को रोगियों की सेवा में और ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
इस अवसर पर सेमिनार में आचार्य डीके अग्रवाल, डॉ. विजय शंकर, आचार्य डॉ. राममिलन प्रसोत, सहायक-आचार्य, डॉ. विपिन कुमार, सहायक-आचार्य डॉ. केक चौधरी, सहायक-आचार्य डॉ. मुक्त्याज हुसैन, सहायक-आचार्य, प्रमुख अधीक्षक डॉ. सीपी सिंह, डॉ. मनीष कुमार सिंह, सहायक-आचार्य/जूनियर रेजीडेन्ट एवं पैरामेडिकल स्टॉफ ने प्रतिभाग किया।