Gorakhpur: शहर के मशहूर ताजिया बनाने वाले मो हनीफ नहीं रहे

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गोरखपुर (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। गोरखपुर के जमुनहिया बाग निवासी मशहूर ताजिया बनाने वाले मो. हनीफ का बुधवार को इंतकाल हो गया। उन्हें गोरखनाथ कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया। उनकी बनायी ताजिया की शोहरत दूर तलक थी। देश-विदेश की मस्जिदों की खूबसूरती उनकी बनायी ताजिया में साफ झलकती थी। उनकी ताजिया को हर बार कई पुरस्कारों से नवाजा जाता था। उनकी ताजिया नौवीं व दसवीं मुहर्रम को लाइन की ताजिया के जुलूस की शान हुआ करती थी।

मो. हनीफ की ताजिया कारीगरी का उत्कृष्ट नमूना हुआ करती थी

समाजसेवी नूर मोहम्मद ने बताया कि मो. हनीफ बहुत ही उम्दा फनकार थे। करीब 45 साल से ताजिया बना रहे थे। इनकी बनायी ताजिया बहुत दिलकश व खूबसूरत हुआ करती थी। हर साल मुहर्रम पर सभी को इनकी ताजिया का इंतजार रहता था।

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साल 2016 में उन्होंने यमन की मस्जिद बनायी थी। जिसे पहला पुरस्कार मिला था। साल 2017 में कज़ाकिस्तान की मस्जिद बनायी। जिसे दूसरा पुरस्कार मिला। साल 2019 में इनकी आखिरी ताजिया कोलकाता की मस्जिद नाखुदा थी। जिसकी बहुत प्रशंसा व चर्चा शहर में हुई थी। इससे पहले भी उन्होंने एक से बढ़कर एक ताजिया बनायी थी। यह रेलवे में कार्यरत थे।

शिक्षक आसिफ महमूद ने बताया कि करीब 57 साल के मो. हनीफ की ताजिया कारीगरी का उत्कृष्ट नमूना हुआ करती थी। नौवीं व दसवीं मुहर्रम को लोग मो. हनीफ की ताजिया देखने व फोटो-वीडियो बनाने के लिए उमड़ पड़ते थे। शहर ने एक बेहतरीन फनकार खो दिया।

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