कल्याणी के गऊ घाट से गवर्नर ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

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बाराबंकी (Barabanki)। प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborer) की मेहनत से आकार ले रही जिले की कल्याणी नदी (Kalyani River) पीएम की सराहना से भी गुजर चुकी है। सोमवार को इसी नदी के किनारे गऊ घाट से राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Governor Anandi Ben Patel) ने पर्यावरण बचाने का संदेश दिया।

इस खास समारोह का साक्षी बना ब्लाक फतेहपुर का होलीपुरवा मजरे मवैया गांव यहां राज्यपाल ने पीपल का पौधा रोपा सम्बोधन दिया और हरियाली के क्षेत्र में योगी सरकार के योगदान को सराहा। बता दें कि मूल स्वरूप खो रही कल्याणी नदी जिले के डीएम डॉ आदर्श सिंह के लगातार किये जा रहे प्रयासों से फिर से अविरल होने लगी।

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इस काम को प्रवासी मजदूरों ने बेहतर ढंग से अंजाम दिया। सुर्खियां इतनी बढ़ीं कि पीएम ने भी इस कार्य को सराहा। आज सोमवार को इसी कल्याणी के तट पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल पहुंचीं। फतेहपुर क्षेत्र में सजे धजे गऊ घाट पर वन महोत्सव के तहत एक समारोह का आयोजन हुआ।

राज्यपाल ने कहा आज जब कोविड 19 आया तो फिर हमें औषधि याद आईं। ये औषधि हमारी धरती पर आज भी उगती हैं। अगर सभी नदी सूख जाएं और जंगल न रहें तो कल्पना कीजिये क्या होगा। इसलिए संरक्षण जरूर करें यही जीवन देता है। अपने बाराबंकी दौरे के बारे में कहा कि पहली बार केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं को देखने आईं थीं।

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दूसरी बार पद्मश्री किसान राम सरन वर्मा के फार्म पर और आज कल्याणी पर हुए काम को देखने आईं हूं। प्रधानमंत्री के आह्वान पर प्रवासी मजदूरों की मेहनत से नदी फिर बहने लगी। अब कल्याणी एक बार फिर सभी का कल्याण करने के लिए अपने मूल स्वरूप में लौट आई है। प्रदेश की योगी सरकार बधाई की पात्र है जिन्होंने पिछले वर्ष 22 करोड़ और इस बार 25 करोड़ वृक्ष लगाए। कार्यक्रम में सांसद उपेन्द्र सिंह रावत के अलावा सभी विधायक मौजूद थे।