चिंता बढ़ाने लगा H3N2, लगातार बढ़ रहे मामले से हो जाईये सावधान, इन लोगों को है ज्यादा खतरा
H3N2 वायरस से होने वाले इनफ्लुएंजा से बचना अति आवश्यक है... अपने इम्यूनिटी पावर को मजबूत रखिए।

संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। जैसे-जैसे कोविड जाता नजर आ रहा है वैसे-वैसे दूसरा वायरल इन्फेक्शन अब चिंता बढ़ाने लगा है। देशभर में इन्फ्लूएंजा वायरस H3N2 के मामले बढ़ रहे हैं। कई मामलों में संक्रमितों को गंभीर बीमारी हो रही है। इसके लक्षण भी करीब-करीब कोविड के जैसे ही हैं। इसलिए हम सभी के लिए यह जानना जरूरी है कि ये कितना खतरनाक है और अचानक से क्यों बढ़ रहे हैं सर्दी-खांसी और बुखार के मामले? H3N2 होने पर लंबे समय तक सर्दी-खांसी बनी रह रही है। कुछ महीनों से सर्दी-जुकाम और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब ये जानलेवा भी बनता चला जा रहा है। साधारण बुखार तो दो-तीन दिन में चला जाता है लेकिन सर्दी-खांसी तीन हफ्तों तक रह रही है। प्रदूषण के कारण नौजवान एवम् बुजुर्ग लोगों में सांस की नली में संक्रमण बढ़ रहा है।
कोविड और H3 N2 मैं थोड़ा सा फर्क है। कोविड लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी नीचे के श्वास नली को प्रभावित करता है, जबकि H3N2 अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी ऊपर के श्वास नली पर असर डालता है जिसमें बुखार और सर्दी-खांसी जैसे लक्षण लंबे समय तक रहते हैं।
H3N2 के लक्षण
- नाक बहना
- तेज बुखार
- खांसी (शुरुआत में गीली और फिर काफी लंबे समय तक सूखी)
- सीने में बलगम
- कानों में दर्द
- सिर में भारीपन अथवा भयानक दर्द
- लगातार पेट में ऐंठन के साथ दस्त लगना
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- थकावट
- गले में खराश
ज्यादातर लोगों का बुखार एक हफ्ते में ठीक हो जाता है लेकिन खांसी ठीक होने में दो या उससे ज्यादा हफ्ते का समय लग जाता है इसलिए सर्दी-जुकाम होने पर भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए।
किन्हें ज्यादा खतरा?
वैसे तो इन्फ्लूएंजा किसी भी उम्र के व्यक्ति को कभी भी हो सकता है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं, 5 साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग और किसी बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को है। इनके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों को भी इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है।गर्भवती माता, डायबिटीज एवं ब्लड प्रेशर के मरीज इससे अधिक प्रभावित हो सकते है।
क्या सावधानी बरतना चाहिए?
- चूंकि ये वायरल बीमारी है, इसलिए किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ये आसानी से फैल सकती है। भीड़भाड़ वाली जगहों पर ये आसानी से फैल सकता है।
- इन्फ्लूएंजा से संक्रमित कोई व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके ड्रॉपलेट यानी कण हवा में एक मीटर तक फैल सकते हैं और जब कोई दूसरा व्यक्ति सांस लेता है तो ये कण उसके शरीर में चले जाते हैं और उसे संक्रमित कर देते हैं।
- किसी संक्रमित सतह को छूने से भी ये वायरस फैल सकता है। लिहाजा, खांसते या छींकते समय मुंह को ढंकना जरूरी है, साथ ही बार-बार अपने हाथ भी धोते रहना चाहिए।
क्या करें-क्या न करें?
- मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
- बार-बार अपनी आंखों और नाक को छूने से बचें।
- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढंककर रखें।
- बुखार या बदन दर्द होने पर अपने चिकित्सक से तुरंत मिले अथवा उनसे संपर्क करें।
- हाथ मिलाने और किसी भी तरह की भीड़ भाड़ से बचें।
- सार्वजनिक जगहों पर थूकने से बचें।
- बिना चिकित्सकीय सलाह के कोई भी दवा ना लें।
- आसपास या नजदीक बैठकर खाना न खाएं।
कितना खतरनाक है ये?
वैसे तो ज्यादातर लोगों में हल्की फुल्की दवाई लेने से ही इनफ्लुएंजा ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में ये इतना गंभीर हो सकता है कि मरीज की मौत भी हो सकती है इसलिए सावधान रहना बहुत जरूरी है।
चिकित्सा एवं पथ्य
इन्फ्लूएंजा से बचने के लिए गर्म कपड़े से शरीर ढँके रखना चाहिए। बुखार रहने पर गर्म पानी, गर्म दूध, साबू नारियल पानी इत्यादि पीने को देना चाहिए। फलों में बहुत थोड़ी मात्रा में अनार का रस देना चाहिए। विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा मौसमी,कीनू, कागजी नींबू इत्यादि लिया जा सकता है। भोजन में गरम गरम दाल रोटी हरी सब्जियां, हरी चटनी इत्यादि दी जा सकती है। रोगी को पूरी तरह से आराम मिलना चाहिए। साथ ही उसे परिवार के अन्य सदस्यों से संसर्ग से बचना चाहिए। क्योंकि यह एक संक्रामक रोग है। अत: रोगी का थूक, बलगम वगैरह सावधानी से दूर फेंक देना चाहिए।
घरेलू उपचार
- एक गिलास पानी में थोड़ा हल्दी एवं काली मिर्च डालकर हल्का गर्म करके मरीज को पीने के लिए देना चाहिए।
- मरीज को बहुत ज्यादा गर्म कपड़े नहीं पहनने देना चाहिए, बल्कि हल्के गर्म कपड़े मरीज के लिए ठीक होते हैं।
- अदरक काली मिर्च गुड़ वाली चाय पीने से मरीज को काफी आराम मिल सकता है।
- सूखे मेवे प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी सहायक होते हैं। अतः इन्हें सीमित मात्रा में लिया जाना चाहिए।
- मरीज के भोजन में ताजा कटा हुआ कच्चा प्याज जरूर देना चाहिए।
- ऐसे मरीजों को पूरी नींद लेने चाहिए जिससे शरीर एवं मस्तिष्क को आराम मिले।
- H3N2 इनफ्लुएंजा में भी बचाव के लिए आर्सेनिकम एल्बम 30 अपने चिकित्सक से पूछ कर लेना उचित होगा।