राजस्थान: विधायकों की खरीद फरोख्त का केस एंटी करप्शन ब्यूरो को ट्रांसफर, हटाई गई राजद्रोह की धारा

जयपुर. राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच मंगलवार को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग यानी खरीद-फरोख्त की कोशिशों का केस एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को ट्रांसफर कर दिया है। खास बात ये है कि इसमें से राजद्रोह की धारा भी हटा ली गई है। बता दें, सचिन पायलट और उनके गुट के विधायकों को एसओजी ने राजद्रोह की धारा के तहत ही नोटिस दिया था। पायलट ने इसी बात पर कड़ी नाराजगी जताई थी।
जानकारी के मुताबिक, पायलट खेमे को जो नोटिस भेजा गया था, उसमें आईपीसी की धारा 124ए और 120बी का जिक्र था। धारा 124ए से देशद्रोह से जुड़ी है। कोई भी नागरिक सरकार विरोधी बात लिखता या बोलता है या फिर उसका समर्थन करता है या राष्ट्रीय चिह्नों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, तो उस पर इस धारा के तहत केस दर्ज होता है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर 3 साल की सजा से लेकर उम्र कैद तक हो सकती है।
शिवसेना ने अमित शाह पर कसा तंज
वहीं, शिवसेना ने तंज कसते हुए पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखा, ‘कोरोना की वजह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आइसोलेशन में हैं, इस बात से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुश नहीं होना चाहिए। शाह कहीं से भी पॉलिटिकल ऑपरेशन कर सकते हैं। शाह भी आइसोलेशन में हैं, गहलोत भी अपने विधायकों को आइसोलेशन में ले गए हैं। यानी गहलोत सरकार के लिए खतरा बरकरार है।’
हाईकोर्ट ने खारिज की राज्यपाल के खिलाफ दायर पिटीशन
हाईकोर्ट ने राज्यपाल को पद से हटाने की पिटीशन मंगलवार को खारिज कर दी है। वकील शांतनु पारीक ने ये अर्जी लगाई थी। उन्होंने विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने की वजह से राज्यपाल को हटाने की मांग की थी। राज्यपाल 14 अगस्त से सत्र की मंजूरी दे चुके हैं। ऐसे में कोर्ट ने पारीक की अर्जी को सारहीन बताकर खारिज कर दिया।
दूसरी ओर सचिन पायलट गुट के एमएलए भंवरलाल शर्मा की अर्जी पर भी सुनवाई हुई। इस मामले में कोर्ट ने 13 अगस्त को अगली तारीख दी है। भंवरलाल ने विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में एसओजी की एफआईआई रद्द कराने के लिए पिटीशन लगाई थी।
बागी विधायकों ने आलाकमान को नहीं भेजा मैसेज
इससे पहले सोमवार को एक बड़ी जानकारी सामने आई। बताया जा रहा है कि सचिन पायलट गुट के कुछ विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान को मैसेज भेजा है कि वे पार्टी से बाहर नहीं जाना चाहते, लेकिन प्रदेश में सीएम का चेहरा बदलना चाहिए। उन्होंने आलाकमान से मांग की है कि सीएम के लिए अशोक गहलोत और पायलट के अलावा किसी तीसरे विकल्प पर विचार किया जाता है तो वे राजी हैं।
दूसरी तरफ ऐसे किसी मैसेज की बात से राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने इनकार किया है। उन्होंने कहा कि न तो बागी विधायक आलाकमान से मिले, न ही कोई मैसेज मिला है। वैसे भी पार्टी में वापसी के लिए कोई शर्तें नहीं होती। सबसे पहले तो उन्हें आलाकमान से माफी मांगनी चाहिए। उधर, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को कहा कि बागी विधायकों को किसी भी बातचीत से पहले हरियाणा की भाजपा सरकार की मेहमानवाजी छोड़नी पड़ेगी।
सीएम गहलोत ने कही ये बात
मुख्यमंत्री गहलोत ने सोमवार शाम कहा, मेरी सरकार गिराने की तीसरी कोशिश हो चुकी है। इसमें 3 केंद्रीय मंत्रियों के अलावा कई नेता शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री और जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, वे नए-नए सांसद बने, जल्द ही केंद्र में मंत्री बन गए तो और जल्दबाजी हो गई। अब पार्टी उनके बारे में कितना ही सोच ले, जनता स्वीकार नहीं करेगी। वे संजीवनी सोसायटी के घोटाले में फंसे हैं और प्रदेश में चुनी हुई सरकार को पलटने की साजिश में जुटे हैं।