डुमरियागंज में भी राम मंदिर को लेकर जली थी अलख, एक युवक हुआ था शहीद

सिद्धार्थनगर (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। करीब 500 सालों के संघर्ष का परिणाम आज यानि बुधवार को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर की आधारशिला रख दी गयी। जिसको लेकर हर तरफ खुशी और दीपावली जैसा माहौल है। डुमरियागंज में भी राम मंदिर की अलख जली थी।
श्रीराम मंदिर आंदोलन का जुड़ाव डुमरियागंज से भी रहा है। वर्ष 1986 में पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी की अगुवाई में मंदिर चौराहे पर विराट हिंदू संगम का आयोजन गया था। जिसके जरिए हिंदू जनमानस को संगठित करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। भीड़ अधिक बढ़ने से व्यवस्था बिगड़ने के दौरान क्षेत्र के महोखवां निवासी एक युवक को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी। जबकि दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। घटना के बाद 24 घंटे बाद ब्रितानिया हुकूमत की तरह डुमरियागंज थाने में मिली यातना को सोंचकर आज भी शामिल आंदोलनकारियों की रूह कांप जाती है।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक पूर्व विधायक जिप्पी तिवारी ने बताया कि तमाम बंदिशों के बावजूद लाखों लोगों का हुजूम डुमरियागंज में उमड़ पड़ा। कार्यक्रम में गोरक्षनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित थे लेकिन किन्ही कारणों से उनका आगमन नहीं हो सका। भीड़ को देखकर स्थानीय प्रशासन आक्रामक हो गया। हवाई फायरिंग की गई जिसमें महोखवां निवासी 28 वर्षीय रामवृक्ष पांडेय गोली लगने से शहीद हो गए थे। जबकि वीरपुर निवासी हनुमंत लाल श्रीवास्तव, धौराहरा निवासी अदालत वरुण, भटंगवा निवासी विश्व भरण पांडेय व डुमरियागंज निवासी दिनेश अग्रहरि गोली लगने के चलते घायल हो गए।
पूर्व विधायक जिप्पी तिवारी के मुताबिक घटना के बाद उनके अलावा अजय पांडेय, सुरेश श्रीवास्तव, नंदा बाबा, राधा रमण, लालजी शुक्ला, बद्री यादव, मदारी यादव आदि लोगों को डुमरियागंज थाने के लॉकअप में डाल दिया गया। जहां पर 24 घंटे तक लाकअप नहीं खोला गया।
भाजपा नेता अजय पांडेय बताते हैं कि वह यातना सोच कर आज भी रूह कांप जाती है। 24 घंटे बाद जेल भेजा गया। जहां करीब 3 माह तक वह लोग जेल में रहे। उन्होंने बताया कि राम मंदिर आंदोलन मे डुमरियागंज के लोगों की हमेशा भागीदारी रही है। वर्षों का इंतजार अब पूरा हुआ है। मंदिर निर्माण हेतु प्रधानमंत्री द्वारा 5 अगस्त को आधारशिला रखे जाने को लेकर पूरा हिंदू समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है।