चीनी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई जारी: 44 सेमी हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेन बनाने का टेंडर कैंसिल

नई दिल्ली. लद्दाख में सीमा विवाद के बाद भारत की ओर से चीनी कंपनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। अब भारतीय रेलवे ने 44 सेमी हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेन बनाने का टेंडर कैंसिल कर दिया है। माना जा रहा है कि इन ट्रेनों को बनाने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ एक चीनी कंपनी के संयुक्त उपक्रम की ओर से बोली लगाने के कारण रेलवे ने यह फैसला लिया। रेलवे ने ट्वीट के जरिए शुक्रवार देर रात इसकी जानकारी दी।
दोबारा से जल्द जारी होगा नया टेंडर
रेलवे के मुताबिक, इन ट्रेनों के निर्माण के लिए एक हफ्ते में नया टेंडर जारी किया जाएगा। इस नए टेंडर में मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि, रेलवे ने मौजूदा टेंडर को रद्द करने की आधिकारिक वजह नहीं बताई। इन ट्रेनों के निर्माण के लिए टेंडर पिछले महीने खोला गया था। चेन्नई की रेलवे कोच फैक्ट्री ने 10 जुलाई को 44 हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया था।
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6 में सिर्फ एक चीनी कंपनी थी शामिल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 16 डिब्बे वाली 44 वंदे भारत सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए इलेक्ट्रिकल उपकरण और अन्य सामानों की आपूर्ति के लिए 6 कंपनियों ने टेंडर डाला था। इसमें चीनी संयुक्त उद्यम सीआरआरसी-पायोनियर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड एकमात्र विदेशी कंपनी थी। माना जा रहा है कि चीन से इसका संबंध होने के कारण टेंडर कैंसिल कर दिया गया। चीन की कंपनी सीआरआरसी योंगजी इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और गुड़गांव की पायोनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने 2015 में यह ज्वॉइंट वेंचर बनाया था।
1500 करोड़ रुपए की है परियोजना
सूत्रों के मुताबिक, रेलवे का मानना है कि यह टेंडर किसी घरेलू कंपनी को दिया जाए। टेंडर की रेस में चीनी कंपनी सबसे आगे दिखी तो रेलवे ने टेंडर रद्द कर दिया। इस परियोजना की लागत करीब 1500 करोड़ रुपए है। सूत्रों की मानें तो इस टेंडर के जारी होने के बाद पब्लिक प्रिक्योरमेंट के नियमों में भी कुछ बदलाव किया गया है। नए टेंडर में इन नियमों को भी शामिल किया जाएगा।
इन कंपनियों ने भी लगाई थी बोली
– भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
– भारत इंडस्ट्रीज
– इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड
– मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लिमिटेड
– पावरनेटिक्स इक्विपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
– दिल्ली-वाराणसी के बीच चलाई गई थी पहली वंदे भारत ट्रेन
2 रूट पर होता है वंदे भारत ट्रेन का संचालन
देश में 2 रूट पर सेमी हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेन का संचालन होता है। फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर देश की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद दूसरी वंदे भारत ट्रेन नई दिल्ली और कटरा के लिए चलाई गई। इस ट्रेन को गृह मंत्री अमित शाह ने 3 अक्टूबर 2019 को हरी झंडी दिखाई थी।
पहले ही चीनी कंपनियों के 106 ऐप हो चुके हैं बैन
लद्दाख में सीमा विवाद के बाद भारत सरकार ने चीन की कंपनियों के 59 ऐप्स पर बैन लगा दिया था। इसमें टिकटॉक, वीचैट, अलीबाबा ग्रुप का यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज जैसे पॉपुलर ऐप शामिल थे। इसके बाद सरकार ने पिछले महीने जुलाई में भी चीन के 47 ऐप्स पर बैन लगाया था। इसमें अधिकांश पहले बैन किए गए ऐप्स के क्लोन थे। इस प्रकार भारत सरकार अब तक चीन के 106 ऐप्स पर बैन लगा चुकी है।