विडंबना: मुख्यमंत्री सुन रहे फरियाद, अफसरों की चौखट से धक्के
लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक जनता दरबार के जरिये मुख्यमंत्री सैकड़ों फरियादियों की न सिर्फ गुहार सुनते हैं बल्कि समाधान के लिए भी बड़े अफसरों को ताकीद करते हैं।

संदेशवाहक/लखनऊ। कोई भी समस्या हो, घबराइए मत, मुझे बताइए… ये कहना खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है। लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक जनता दरबार के जरिये मुख्यमंत्री सैकड़ों फरियादियों की न सिर्फ गुहार सुनते हैं बल्कि समाधान के लिए भी बड़े अफसरों को ताकीद करते हैं। इसके बावजूद सूबे की नौकरशाही के चंद मनबढ़ लोकसेवकों को फरियादियों की समस्याएं सुनने से अधिक उनके साथ अभद्रता करना रास आ रहा है। जबकि मुख्यमंत्री योगी ने नौकरशाही को सख्त निर्देश भी जारी कर रखे हैं। पुलिस थानों और तहसीलों में पीडि़तों संग ऐसे शर्मनाक मामले अक्सर सुर्खियां बटोरते रहे हैं।
एक दिन पहले ही लखनऊ में एलडीए के जनता दरबार में पीसीएस अफसर डीके सिंह ने अवैध कब्जे की शिकायत लेकर पहुंचे बुजुर्ग फरियादी को थप्पड़ रसीद कर दिये। इसी दिन मुख्यमंत्री लखनऊ में आयोजित जनता दरबार में पीडि़तों की समस्याएं सुन रहे थे।
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लोकसेवक होने की गरिमा को भूलने लगे हैं अफसर
एलडीए का वीडियो वायरल होते ही मामला भले सुर्खियों में रहा, लेकिन मनबढ़ अफसर पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ये पहला वाक्या नहीं है, जब फरियादियों संग ऐसी अभद्रता की गयी है। अब बड़े अफसर भी लोकसेवक होने की गरिमा को भूलने लगे हैं।
डीएम प्रशांत शर्मा मामला
पिछले वर्ष मई में कानपुर डीएम नेहा शर्मा ने नर्वल तहसील में लगे जनता दरबार में एक बुजुर्ग फरियादी से कहा था कि चुपचाप बैठो, यहां पर, तुम बोल नहीं पा रहे हो, इतना बीपी का प्रॉब्लम है तो घर में रखो। डीएम के इस व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। नवंबर 2019 में अमेठी के तत्कालीन डीएम प्रशांत शर्मा ने अपने भाई की हत्या पर न्याय मांग रहे एक पीसीएस अफसर को धक्का दिया था। खुद मुख्यमंत्री ने प्रशांत शर्मा को डीएम के पद से हटा दिया था। इटावा में सदर तहसीलदार जगदीश सिंह का भी एक मामला वायरल हुआ, जिसमें वो फरियादी संग गाली गलौज कर रहे थे।
सूबे के संवेदनशील अफसरों से सीखें सबक
ऐसा भी नहीं है कि प्रदेश में संवेदनशील अफसरों का अकाल पड़ा है। कुछ समय पहले गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन डीएम सुहास एलवाई का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वो फरियादी युवक व उसके बच्चों की गुहार जमीन पर बैठकर सुन रहे थे। वहीं लखनऊ कमिश्नर रौशन जैकब के उस वीडियो ने भी सुर्खियां बटोरी थी। जिसमें वो लखीमपुर के अस्पताल में जख्मी मासूम को देखकर सिसकियां भरने से खुद को रोक न सकीं।