विकास दुबे को मुखबिरी के शक में थाना प्रभारी के बाद 2 SI-एक सिपाही सस्पेंड, गैंगस्टर पर ढाई लाख रुपए की गई इनामी राशि

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कानपुर. यूपी के कानपुर जिले के विकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार चल रहे मुख्य आरोपी विकास दुबे पर अब इनाम की राशि बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दी गई है। वहीं, दबिश की मुखबिरी को लेकर चौबेपुर थाना स्टाफ सवालों के घेरे में है। बताया जा रहा है कि 2 जुलाई की रात विकास को पहले से ही पुलिस रेड की सूचना मिल गई थी। जिसके बाद गैंगस्टर की कॉल डिटेल की जांच में सामने आया है कि थाने के कई पुलिसवाले उसके संपर्क में थे। फिलहाल, शक के घेरे में आए 2 एसआई और एक कांस्टेबल को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया है।

थाना प्रभारी के बाद 2 एसआई और एक सिपाही भी सस्पेंड
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह बात सामने आई है कि हिस्ट्रीशीटर विकास के खिलाफ कार्रवाई से पहले चौबेपुर थाने से इसकी जानकारी लीक की गई थी, जिसकी वजह से इतने पुलिसकर्मियों की जान गई। मामले में चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी पहले ही सस्पेंड कर दिए गए थे। सोमवार को शुरुआती जांच में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के कारण थाने के एसआई कुंवर पाल सिंह, कृष्ण कुमार शर्मा और सिपाही राजीव को भी सस्पेंड कर दिया गया। बताया जा रहा है कि तीनों विकास के संपर्क में थे। हालांकि, विभाग की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

विकास के साथी ने भी किया था ये खुलासा
विकास के खास गुर्गे दयाशंकर अग्निहोत्री ने भी इस बात का खुलासा किया है कि दबिश से पहले थाने से फोन आया था। इसके बाद हमले का प्लान बनाया गया और 25-30 लोगों को हथियार समेत विकास ने घर बुलाया। विकास खुद दयाशंकर की लाइसेंसी बंदूक से फायर कर रहा था।

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थाने में तैनात स्टाफ की भूमिका की कराई जा रही जांच
विकास दुबे के खास दयाशंकर की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद यह तय किया गया है कि चौबेपुर थाने में तैनात सभी पुलिस स्टाफ की भूमिका की जांच कराई जाएगी। थाने में एसआई, सिपाही और होमगार्ड समेत 44 पुलिसवालों का स्टाफ है। अफसरों का कहना है कि स्टाफ की संलिप्तता पाए जाने पर केस दर्ज करके जेल भेजा जाएगा।