कानपुर कांड: प्रभात मिश्रा नाबालिग था, बहन ने दिखाई मार्कशीट

कानपुर (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। बिकरू कांड (Bikaru Kand) के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद फरीदाबाद से लाते समय 9 जुलाई की सुबह एनकाउंटर में मारे गए प्रभात मिश्रा की बहन ने उसे नाबालिग बताया है। प्रभात मिश्रा उर्फ़ कार्तिकेय की बहन ने मार्कशीट पेश की और कहा कि पुलिस ने उसे गलत मार दिया।

कोई आपराधिक इतिहास नहीं
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गौरतलब है कि पुलिस ने प्रभात की उम्र 20 साल बताई थी। प्रभात की बड़ी बहन हिमांशी ने दावा किया कि उसके पिता कभी विकास के पास नहीं उठते-बैठते थे। हिमांशी ने कहा, मेरे परिवार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। भाई को तो पहले ही बिना गलती मार दिया। वह तो नाबालिग था। तीन-तीन बार घर की तलाशी ली गई घर पर कुछ नहीं मिला।

एसटीएफ पर प्रभात ने की थी फायरिंग
घटना के बाबत पुलिस ने बताया था कि फरीदाबाद से कानपुर लाते समय गाड़ी पंचर हो गई थी फिर एसआई देवेंद्र और सिपाही सुनील कुमार, प्रभात को लेकर नीचे उतरे। टायर बदलते समय मौका देखकर प्रभात ने सिपाही सुनील के मुंह पर मुक्का मारा और देवेंद्र की सरकारी पिस्टल छीनकर फायर करते हुए भागा। पीछे से आ रही एसटीएफ ने पीछा किया तो प्रभात ने फायरिंग की। इसमें एसटीएफ के सिपाही विकास और सुनील घायल हो गए थे, जबकि एसआई अक्षय प्रवीर त्यागी की बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोली लगी थी। जवाबी फायरिंग में प्रभात गोली लगने से जख्मी हुआ था। कल्याणपुर सीएचसी में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। उसके कब्जे से 9 एमएम पिस्टल बरामद हुई थी।
एडीजी ने बताया कि इस मामले में 21 अभियुक्त नामजद थे। इनमें से श्याम दुबे, दयाशंकर अग्निहोत्री और शशिकांत दुबे को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत 6 अभियुक्त एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। 11 अभियुक्तों की तलाश जारी है।