लाइफस्टाइल: डिप्रेशन और एंग्ज़ाइटी क्या है, पहले जानना है जरुरी

लाइफस्टाइल (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। WHO के मुताबिक़ दुनियाभर में अलग-अलग उम्र के 26 करोड़ से ज़्यादा लोग इससे पीड़ित हैं। हालांकि कई मनोवैज्ञानिक (Psychologists) ये मानते हैं कि ये संख्या इससे बहुत ज़्यादा हो सकती है क्योंकि कई लोगों को पता ही नहीं होता कि वो डिप्रेशन में हैं। उदासी, डिप्रेशन, चिंता अलग-अलग हैं। किसी बुरी ख़बर के आने पर या कुछ काम के बिगड़ जाने पर जब हम ये कहते हैं कि हम डिप्रेस्ड (Depressed) फ़ील कर रहे हैं, वो दरअसल डिप्रेशन (Depression) नहीं, उदासी है।
WHO के मुताबिक़ डिप्रेशन एक आम मानसिक बीमारी (Mental illness) है। डिप्रेशन आमतौर पर मूड में होने वाले उतार-चढ़ाव और कम समय के लिए होने वाले भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से अलग है। लगातार दुखी रहना और पहले की तरह चीज़ों में रुचि नहीं होना इसके लक्षण हैं। डब्लूचओ के मुताबिक़ एंग्ज़ाइटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder) डर और घबराहट के लक्षण वाली एक मानसिक बीमारी है।
सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की ख़बर सुनने के बाद हम सब उदास थे, कुछ लोग कुछ घंटों के लिए उदास रहें। कुछ लोग कुछ दिनों तक उदास रहेंगे फिर ठीक हो जायेंगे, ये डिप्रेशन नहीं है।
कुछ लोगों को कई चीज़ों से घबराहट होती है, किसी एक चीज़ पर उनका कंट्रोल नहीं रहता, ये एक मानसिक स्थिति (Mental state) है जब आप ख़ुद को बेबस महसूस करते हैं, इसे एंग्ज़ाइटी (Anxiety) कहते हैं। लेकिन जब आप होपलेस (Hopeless) महसूस करने लगते हैं यानि कि आप अपने भविष्य से उम्मीद खो बैठते हैं, तो इस मनोस्थिति को डिप्रेशन कहते हैं। ये ज़रूरी नहीं कि जिसे एंग्ज़ाइटी है, वो डिप्रेशन में भी है या डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को एंग्ज़ाइटी की शिकायत भी हो। लेकिन एंग्ज़ाइटी से डिप्रेशन हो सकता है और डिप्रेशन से भी एंग्ज़ाइटी की शिकायत हो सकती है।
डिप्रेशन, मनपसंद काम और क्रिएटिविटी
डिप्रेशन (Depression) के शिकार लोगों को अपना ध्यान बंटाने के लिए उन कामों पर ध्यान देने को कहा जाता है, जो उन्हें पसंद है। कई लोग इस दौरान म्यूज़िक सुनते है, घुमने जाते है, घर के काम में व्यस्त रहते है, पेंटिग (Painting) या दूसरे तरह के क्रिएटिव (Creative) काम करते हैं।