लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव, पाएं डिप्रेशन से छुटकारा

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हेल्थ डेस्क। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या (Sushant Singh Rajput Suicide) की वजह डिप्रेशन बताई गई। डिप्रेशन को लेकर एक तरह का डर बैठ गया है। लॉकडाउन में लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं, ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि अगर कोई डिप्रेशन में चला जाता है, तो क्या इससे उबरना मुश्किल है। क्या इस बीमारी का इलाज संभव है ? तो जवाब है हां। जब कोई डिप्रेशन से घिरा होता है तो उसे ऐसा महसूस होता है कि वह कभी भी उस स्थिति से बाहर नहीं आ पाएगा। हालांकि, गंभीर डिप्रेशन तक का भी उपचार हो सकता है। इसलिए यदि डिप्रेशन जीवन की खूबसूरती को बिगाड़ रहा है तो डॉक्टर की मदद लेने के लिए संकोच न करें।

डॉ. उमर अफरोज कहते हैं कि डिप्रेशन में थेरेपी, दवाओं से लेकर स्वस्थ जीवनशैली में बदलाव तक, उपचार के कई अलग-अलग विकल्प उपलब्ध हैं। जिस तरह से कोई भी दो लोग एक तरह से डिप्रेशन से प्रभावित नहीं होते हैं, तो उन्हें ठीक करने के लिए एक जैसा इलाज नहीं हो सकता है। हो सकता है एक उपचार किसी व्यक्ति के लिए फायदेमंद साबित हुआ तो दूसरे पर भी हो। ऐसे कई उपचार हैं जो कि डिप्रेशन को दूर करने में मदद कर सकते हैं, खुश और आशान्वित महसूस करवा सकते हैं और अपने जीवन को फिर से पाने में मदद कर सकते हैं। आमतौर पर दवाओं से डिप्रेशन का इलाज किया जाता है, लेकिन इससे उबरने के और भी तरीके हैं।

थेरेपी: यदि डिप्रेशन के लक्षणों के लिए दवाओं से बचना है तो थेरेपी एक अत्यंत प्रभावी उपचार हो सकती है। थेरेपी अच्छा महसूस कराने और डिप्रेशन को रोकने में मदद करती है। डॉक्टरों के पास कई प्रकार की थेरेपी उपलब्ध हैं। जैसे – कोग्निटिव बिहैवियरल थेरेपी, इंटरपर्सनल थेरेपी और साइकोडायनामिक थेरेपी। अक्सर इन तीनों को मिलाकर इलाज किया जाता है। कुछ प्रकार की थेरेपी नकारात्मक सोच को दूर करने और डिप्रेशन का मुकाबला करने की व्यावहारिक तकनीक सिखाती है।

केवल दवाएं नहीं: डिप्रेशन केवल मस्तिष्क में एक रासायनिक असंतुलन के बारे में नहीं है। दवा मध्यम और गंभीर डिप्रेशन के लक्षणों में से कुछ को राहत देने में मदद कर सकती है, लेकिन समस्या को ठीक नहीं करती है। एंटीडिप्रेसेंट्स दवाओं के दुष्प्रभाव भी हैं, लेकिन अगर इन्हें लेना जरूरी हो गया है तो भी अन्य उपचारों की अनदेखी नहीं की जा सकती है। जीवनशैली में बदलाव और थेरेपी न केवल डिप्रेशन से जल्दी राहत दिलाएंगे, बल्कि इसके फिर से होने की आशंका को रोकने में भी मदद करेगी।

जीवनशैली में बदलाव : जीवनशैली में व्यायाम को जरूर शामिल करें। व्यायाम न केवल सेरोटोनिन, एंडोर्फिन और अच्छा महसूस कराने वाले मस्तिष्क रसायनों को बढ़ावा देता है बल्कि यह एंटीडिप्रेसेंट्स की तरह ही नई मस्तिष्क कोशिकाओं और उनके बीच कनेक्शन बढ़ाता है।

दोस्तों से मिलें, बात करें : डिप्रेशन में आम बात है कि पीड़ित समाज से कटने लगता है, लेकिन इस अंधेरे से निकलने के लिए दोस्तों और परिवार के साथ नियमित संपर्क में रहें या किसी ग्रुप में शामिल होने पर विचार करें। यहां परिवारवालों और दोस्तों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है कि वह पीड़ित को सकारात्मक माहौल दें। सबसे बड़ी बात उसे महसूस कराएं कि वह उनके लिए कितना खास है और वह जैसा है, उसे वैसे ही स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं है। डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला का कहना है कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार बहुत महत्वपूर्ण है और यह ऊर्जा बनाए रखने और मनोदशा में सुधार में मदद कर सकते हैं।

अच्छी नींद लें: कोशिश करें कि हर रात अच्छी नींद लें, 7-8 घंटे की नींद जरूरी है, रोजाना की दिनचर्या में ऐसा बदलाव करें, जिससे तनाव कम हो। ऐसे काम या रिश्तों के बीच न रहें जो तनाव देंं। डिप्रेशन से निकलना मुश्किल हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं, इसलिए खुद को समय दें और इस अंधेरे से निकलने की उम्मीद न छोड़ें।

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अस्वीकरण: इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके संभावित उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।