राजस्थान के ‘सियासी संग्राम’ में मायावती ने कहा- राज्य में लगाया जाए राष्ट्रपति शासन

नई दिल्ली (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। राजस्थान में सियासी घमासान के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य के राज्यपाल कलराज मिश्र को राष्ट्रपति शासन (President Rule) लगाने की सिफारिश करनी चाहिए। बीएसपी प्रमुख ने आरोप लगाया कि सीएम गहलोत ने बीएसपी के साथ दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस (Congress) में शामिल कराया। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री पर फोन टैपिंग (Phone Tapping) का भी आरोप लगाया है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा, जैसा कि विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा, अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बसपा के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टैप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।
मायावती ने अगले ट्वीट में कहा, इस प्रकार, राजस्थान (Rajasthan) में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठापठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।
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2. इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहाँ के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहाँ राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) July 18, 2020
बता दें कि राजस्थान में जब अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार बनी थी तब बीएसपी (BSP) के छह विधायक सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे थे। इन विधायकों को कांग्रेस में शामिल करा लिया गया। विधायकों ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मिलकर पार्टी की औपचारिक सदस्यता ले ली थी। बीएसपी का मानना रहा कि कांग्रेस ने लालच-प्रलोभन देकर उसके विधायकों को तोड़ा है। बीएसपी ने कांग्रेस के इस कदम की आलोचना की थी और पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अशोक गहलोत का इस्तीफा तक मांगा था।