उत्तर कोरिया के तानाशाह ने दिया पालतू कुत्तों को खाने का आदेश…जानिए क्या है वजह

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नई दिल्ली (संदेशवाहक न्यूज डेस्क)। उत्‍तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन ने पालतू कुत्‍तों को खाने का आदेश जारी किया है। किम का मानना है कि कुत्ते पालना पूंजीवादी विचारधारा का प्रतीक है। जुलाई महीने में किम जोंग उन ने पालतू कुत्‍तों को रखने को कानून के खिलाफ घोषित कर दिया था। किन ने इस कानून को पूंजीवाद के पतन का प्रतीक करार देते हुए पालतू कुत्तों को पकड़ने का आदेश दिया है।

उधर, इन कुत्‍तों के मालिकों को डर सता रहा है कि इस पालतू जानवर का इस्‍तेमाल देश में जारी खाद्दान संकट को दूर करने के लिए किया जा सकता है। बता दें कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते उत्तरी कोरिया में भीषण खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो गया है। उत्‍तर कोरिया की दो करोड़ 55 लाख की आबादी का 60 फीसदी हिस्‍सा खाने के संकट का सामना कर रहा है। यह और ज्‍यादा गंभीर होने वाला है।

माना जा रहा है कि इसी संकट को दूर करने के लिए पालतू कुत्तों को मारकर खाने के काम में लाया जायेगा। उत्‍तर कोरिया के चोसून इल्‍बो सामाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक किम जोंग ने कहा था कि घर पर कुत्‍तों का रखना पूंजीवादी विचारधारा की ओर झुकाव माना जाएगा। इसके बाद उत्‍तर कोरिया के प्रशासन ने उन घरों की पहचान की है जहां पर पालतू कुत्‍ते रखे गए हैं।

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प्रशासन ऐसे लोगों को जबरन पालतू कुत्‍तों को देने के लिए बाध्‍य कर रहा है या उन्‍हें जब्‍त कर रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ कुत्‍तों को सरकारी चिड़‍ियाघर में भेजा गया है या उन्‍हें मांस की दुकानों पर बेच दिया गया है। उत्‍तर कोरियाई प्रायद्वीप में कुत्‍ते का मांस काफी पसंद किया जाता रहा है। हालांकि दक्षिण कोरिया में कुत्‍तों को खाने का प्रचलन अब धीरे-धीरे खत्‍म होता जा रहा है।

दक्षिण कोरिया में करीब 10 लाख कुत्‍ते हर साल खाए जाते हैं। उधर, इंसानों का सबसे अच्‍छा दोस्‍त कुत्‍ता अभी भी उत्‍तर कोरिया में खाने की प्‍लेट पर बड़े पैमाने पर परोसा जा रहा है। राजधानी प्‍योंयांग में कुत्‍ते के मांस के लिए कई रेस्‍टोरेंट मौजूद हैं। यहां माना जाता है कि कुत्‍ते का मांस खाने से इंसान को ऊर्जा और स्‍टेमिना मिलता है।

 

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