खुली अदालत में सुनवाई की माँग: अवध बार के वकीलों का कार्य बहिष्कार जारी

लखनऊ (संदेशवाहक न्यूज)। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ की अवध बार एसोसिएशन के अधिकांश वकीलों ने फिजिकल हियरिंग की व्यवस्था करने की माँग को लेकर मंगलवार को अदालती कार्य नहीं किया। बार के निर्णय के मुताबिक लखनऊ पीठ में माँग पूरी होने तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।
सोमवार को प्रस्ताव पारित कर, इलाहाबाद व लखनऊ में मुकदमों के दाखिले व बहस की ‘फिजिकल फाइलिंग व फिजिकल बहस’ की इलाहाबाद की तरह एक समान व्यवस्था लागू करने तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया था। अवध बार के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था।
उन्होने अवध बार के सदस्य वकीलों से अपील की थी कि अवध बार एसोसिएशन के इस संघर्ष में पूर्ण सहयोग देते हुए 25 अगस्त से न्यायिक कार्य से विरत रहें व वीडियो लिंक का बहिष्कार करें। इसके तहत मंगलवार को अधिकांश अधिवक्ताओं ने अदालती कम नहीं किया।
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हालांकि, कई वकीलों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुकदमों की आभासी सुनवाई के दौरान पेश होकर बहस की। इससे मंगलवार को करीब 300 मुकदमों की सुनवाई हुयी। परिहार ने बताया कि दोपहर में कोर्ट की कोरोना संबंधी समिति के साथ हुई।
बैठक में समस्या के समाधान पर विचार -विमर्श हुआ और इसे जल्द हल किए जाने का आश्वासन, समिति ने दिया है। उधर, अवध बार के महा सचिव शरद पाठक ने फ़ोन पर बताया कि कार्य बहिष्कार के निर्णय के बावजूद जिन वकीलों ने मंगलवार को न्यायिक कार्य किया है, उनके खिलाफ बार की तरफ से नोटिस जारी करने की कारवाई की जायेगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम अप ग्रेड करने की माँग
परिहार ने कोरोना काल में मुकदमों की सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम को अपग्रेड करने की माँग की है। उन्होने कहा कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है, जिसका निकट भविष्य में कोई इलाज दूर- दूर तक नही दिख रहा। अदालतें मार्च से बंद हैं, पर प्रशासन कार्य कर रहा है, फौजदारी के मुकदमे लगातार हो रहे हैं।
कोरोना का असर अन्याय पर नही है, तो लोग अन्याय होने पर कहाँ जाएं? कब तक अदालते बन्द रहेंगी? उन्होनें कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सिस्टम भी एकदम निराशाजनक है, जिसको अपग्रेड कर सुप्रीम कोर्ट जैसी व्यवस्था हाईकोर्ट में लागू करने की मांग भी लगातार की जा रही है। इसके बावजूद इसे मजबूत नहीं किया गया है।