आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों को सौगात, इनको मिलेगा बढ़े वेतन का लाभ

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने निकायों में ठेके पर तैनात हजारों आउटसोर्सिंग सफाईकर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। दैनिक मजदूरी बढ़ने से आउटसोर्सिंग पर तैनात करीब 50 हजार सफाई कर्मियों को लाभ होगा। इन्हें 336.85 रुपये प्रतिदिन के स्थान पर 366.54 रुपये प्रति दिन मिलेंगे। मासिक जोड़ने पर ये रकम 8758 रुपये प्रतिमाह के स्थान पर 9530 रुपये होती है।
अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे ने सोमवार को दैनिक मजदूरी बढ़ाने का शासनादेश जारी कर दिया है। बढ़ी हुई धनराशि के हिसाब से सफाई कर्मियों को बगैर किसी कटौती के वेतन मिलेगा। सेवा प्रदाता एजेंसी का कमीशन इसमें शामिल नहीं है। इसका खुलासा खुद नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने सोमवार को नगरीय निकाय निदेशालय में राज्य स्तरीय कन्ट्रोल एण्ड कमान्ड सेंटर की शुरूआत के दौरान किया।
कन्ट्रोल एण्ड कमान्ड सेंटर की शुरूआत के दौरान नगर विकास मंत्री का एलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी पूर्व आईएएस एके शर्मा ने नगर विकास मंत्री बनने के बाद स्वच्छ भारत अभियान को खास तवज्जो दी है। यूपी में बेहतर साफ सफाई व्यवस्था के लिए पहले जहां सुबह पांच बजे से आठ बजे के बीच निकाय अफसरों की ड्यूटी लगाई गयी है। इसके बाद अब आम जनता के लिए टोल फ्री नं0 18001800101 जारी किया है। प्रदेश भर में कहीं भी गंदगी मिलने पर इस टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
उन्होंने अफसरों को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सफाई व्यवस्था में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में शासन से विस्तृत शासनादेश जारी किया गया है। निकाय के व्यस्त स्थानों पर द्वितीय पाली में भी सफाई की जायेगी। उन्होंने हर निकाय के प्रत्येक जोन में क्लस्टर के मुख्य स्थलों पर सफाई के लिए जिम्मेदार अधिकारियों/ कर्मचारियों के नाम एवं सम्पर्क नम्बर लिखने के भी निर्देश दिये।
दैनिक मजदूरी बढ़ाने का शासनादेश जारी, बिना कटौती मिलेगा वेतन
नगर विकास मंत्री ने कहा कि मुख्यालय स्तर से एक चार डिजीट का नंबर उपलब्ध कराने के लिए भी कहा है। आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों के प्रोत्साहन के लिए दैनिक वेतन में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। उन्होंने निर्देशित किया कि जब भी कोई सम्बंधित अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी का वार्षिक मूल्यांकन करे, तो वह इस महत्वपूर्ण विषय को ध्यान में रखे कि उसने स्वच्छता के मामले में कितना योगदान दिया है। इसी आधार पर उसकी रेटिंग व एसीआर का मूल्यांकन भी किया जाय। इस मौके पर उन्होंने स्वच्छता से सम्बंधित विभाग का लोगो-‘स्वच्छ उत्तर प्रदेश’ भी जारी किया। अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे ने कहा कि विभाग ने साफ-सफाई पर विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर सरकार के निर्देश पर पहली बार शासनादेश जारी किया है।
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