पुलिस की साठगांठ से चल रहा हरियाली पर आरा, बगैर परमिट के काट लिए 40 सागौन के पेड़

गोण्डा (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। गोण्डा जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र के भुलइया गांव में सोमवार को प्रतिबंधित सागौन के पेड़ों पर बगैर परमिट के खुलेआम आरा चला। करीब 40 पेड़ों को पुलिस तथा वन विभाग की मिलीभगत से धराशाई कर दिया गया। इसी थाना क्षेत्र के बेसहूपुर, दुल्हापुर व छजवा गांवों में भी खुलेआम आम के पेड़ों को काट डाला गया। इसकी शिकायत गांव के कुछ लोगों द्वारा इलाकाई पुलिस से की गई, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय पेड़ कटा रहे ठेकेदार को शिकायतकर्ता का नाम बता दिया, जिससे उसे धमकियां दी जाने लगीं।
मोतीगंज थाना क्षेत्र के सरैया गांव में बगैर वैध परमिट जारी कराए ही थाने की पुलिस और वन विभाग के जिम्मेदारों से साठगांठ करके सोमवार को सुबह ही सागौन के पेड़ों की कटान शुरू कर दी गई। एक स्थानीय जागरूक व्यक्ति द्वारा इसकी सूचना मोतीगंज पुलिस और वन विभाग को दी गई। इस पर पुलिस तथा वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय सूचना देने वाले का नाम ठेकेदार को बता दिए, जिससे उक्त व्यक्ति को अब ठेकेदार धमकियां दे रहा है। बताते हैं कि इस तरह के अधिकांश मामलों में पुलिस तथा वन विभाग कार्रवाई करने के बजाय अधिकारियों को गुमराह करते हुए गलत रिपोर्ट भेज देते हैं और वन माफिया को वृक्षों का सफाया करने की खुली छूट देकर वन संरक्षण अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हैं।
रविवार को भी मोतीगंज थाना क्षेत्र के दुल्हापुर गांव में आम का पेड़ काटकर धराशायी कर दिया गया। शुक्रवार व शनिवार को बेसहूपुर गांव में आम के पेड़ों को बगैर परमिट के काटा गया। इससे पहले छजवा गांव में आम के तीन पेड़ों को बगैर परमिट के ही काट लिया गया। इन सभी अवैध कटानों की शिकायत ग्रामीणों द्वारा पुलिस एवं वन विभाग के अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। हद तो यह है कि जिले के आलाधिकारी भी शिकायतों का संज्ञान नहीं लेते हैं, जिससे वन माफियाओं तथा पुलिस एवं वन विभाग के हौंसले बुलंद हैं और वे क्षेत्र में हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों का सफाया करा रहे हैं।
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इस संबंध में मोतीगंज थाना प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि उन्हें क्षेत्र में पेड़ों के कटान की कोई जानकारी नहीं है।