विकास के खिलाफ FIR दर्ज करवाने वाला राहुल आया सामने, बोला- गंगाजल लेकर गैंगस्टर ने खाई थी ये कसम

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कानपुर. गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं। विकास के खिलाफ एफआईआर लिखवाने वाला राहुल तिवारी कानपुर कांड के 12 दिन बाद अपने घर लौट आया। यहां मीडिया से गैंगस्टर की दबंगई की दास्तान बयां की। बता दें, राहुल की एफआईआर के बाद ही पुलिस विकास दुबे के घर बिकरु गांव में दबिश देने गई थी, जहां 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई।

एक जुलाई को पूर्व एसओ विनय तिवारी गए थे बिकरू गांव
राहुल की मानें तो पूर्व एसओ चौबेपुर विनय तिवारी घटना से एक दिन पहले एक जुलाई को उसे लेकर बिकरू गांव ले गए थे। जहां एसओ के सामने विकास ने उसकी पिटाई की। पीटने के बाद सीने पर रायफल तान दी। इस दौरान एसओ को भी विकास ने धमकाया था। उस समय विनय तिवारी ने जनेऊ का हवाला देकर मेरी जान बचाई थी।

इस वजह से विकास दुबे के खिलाफ दर्ज कराई थी एफआईआर
राहुल ने बताया, मेरे ससुराल की जमीन को लेकर विकास दुबे से नहीं बनती थी। 27 जून को मोटरसाइिकल से मैं घर लौट रहा था। रास्ते में विकास के गुर्गों ने मोटरसाइकिल छीन ली और पैसे भी छीन लिए। इसके बाद मैंने थाने में तहरीर दी। एक जुलाई को एसओ विनय तिवारी ने कहा कि चलो, मामले की तफ्तीश कर लें। इसके बाद मैं उनके साथ घटनस्थल पर गया, जहां से हम बिकरू पहुंचे। वहां विकास दुबे के गुर्गों ने मुझे बहुत मारा-पीटा और सीने पर रायफल लगा दी। एसओ साहब को भी बहुत हड़काया, गाली-गलौज की।

विकास दुबे ने खिलाई गई थी कसम
राहुल ने कहा, एसओ साहब को लगा कि विकास मुझे मार देगा, तब एसओ साहब ने अपना जनेऊ निकाला और कहा कि भइया पंडितों की इज्जत रखो। फिर विकास ने गंगा जल निकाला और हमे, एसओ साहब को दिया। इसके बाद उन्होंने कसम खिलाई। इसके बाद विकास को भी कसम खिलाई कि वो मुझे नहीं मारेंगे। हालांकि, मुझे विकास पर भरोसा नहीं था। इसके बाद हम कप्तान के यहां गए, जहां से हमें थाने भेजा गया। थाने में एसओ साहब ने एक एप्लीकेशन लिखी और उसके बाद पुलिस कार्रवाई करने गई।