राजस्थान में टला सियासी संकट, वापस लौटे पायलट ने कहा- गहलोत बड़े हैं, मैं उनका सम्मान करता हूं

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जयपुर. राजस्थान में सचिन पायलट और उनके बागी विधायकों को पार्टी ने आश्वासन दिया है कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। जिसके बाद गहलोत सरकार का संकट टल गया है। लेकिन अब बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। पायलट ने मंगलवार को कहा, अशोक गहलोत मुझसे बड़े हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे भी काम के मुद्दे उठाने का हक है। बता दें, पायलट ने यह बात उस बयान के जवाब में कही, जिसमें गहलोत ने पायलट को निकम्मा और नकारा बताया था।

पायलट ने की मूल्यों की बात
पायलट ने कहा, मैंने अपने परिवार से कुछ मूल्य सीखे हैं। मुद्दा यह नहीं कि मैं किसी आदमी का कितना विरोध करता हूं, लेकिन इस तरह की भाषा इस्तेमाल नहीं करता। राजनीति में निजी दुश्मनी की कोई जगह नहीं होती। राहुल और प्रियंका ने हमारी आपत्तियां दूर करने के लिए रोडमैप तैयार करने का भरोसा दिया है। हमने जो मुद्दे रखे थे, उनके समाधान के लिए 3 सदस्यों की कमेटी बनाई गई। मैंने किसी पद की मांग नहीं की, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मान और कामकाज से जुड़े मुद्दे उठाए। बता दें, पायलट ने सोमवार को दिल्ली में राहुल और प्रियंका के साथ 2 घंटे मीटिंग की थी।

पायलट की 5 बड़ी बातें

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# मैंने किसी पद की मांग नहीं की, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मान और कामकाज से जुड़े मुद्दे उठाए। पार्टी ने जो भी जिम्मेदारियां दी हैं, उन्हें निभाने के लिए तैयार हूं।

# पार्टी प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी थी कि सरकार बनने के बाद कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया जाए। बीते 1.5 साल में काम की रफ्तार धीमी हो गई थी। हमें ऐसा लग रहा था कि जनता से जो वादे किए, वे पूरे नहीं हो पा रहे।

# जिस तरह राजद्रोह की धारा में नोटिस दिया गया और 25 दिन बाद वापस लिया गया, उससे दुख हुआ। हम कोर्ट गए, कई मुकदमे हुए। इसे रोका जा सकता था। बदले की राजनीति नहीं होनी चाहिए।

# हमने पार्टी की विचारधारा, सरकार और पार्टी लीडरशिप के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला। हमने सिर्फ कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए, जिसका मुझे पूरा हक है।

# पद आते-जाते रहते हैं। मुझे इनका कोई लालच नहीं। मेरी राजनीति सत्य और सिद्धांतों पर आधारित है।

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