बस 2 दिन बाद शुरू होगा दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन

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नई दिल्ली (संदेशवाहक न्यूज डेस्क)। रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्‍सीन लॉन्‍च करने की तैयारी कर ली है। वहां 12 अगस्‍त तक इस टीके के रजिस्‍ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो सकती है। रूसी स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार, एडेनोवायरस के बेसिस पर बनी यह वैक्‍सीन आम जनता के लिए अगले महीने से उपलब्‍ध कराने की तैयारी है। नोवेल कोरोना वायरस के खिलाफ इम्‍युनिटी हासिल करने के लिए इस वैक्‍सीन की एक डोज काफी बताई जा रही है। हालांकि रूसी वैक्‍सीन को लेकर दुनियाभर के एक्‍सपर्ट्स शंका जाहिर कर रहे हैं कि यह जल्‍दबाजी में लाई जा रही है। बहरहाल, इस वैक्‍सीन से जुड़े आपके हर सवाल का जवाब लेकर हम आए हैं।

कैसे काम करती है यह वैक्‍सीन?

एलेक्‍जेंडर के मुताबिक, जो पार्टिकल्स और ऑब्जेक्ट्स खुद अपनी कॉपीज बना लेने की क्षमता रखते हैं, ऐसे पार्टिकल्स को जीवित माना जाता है। लेकिन वैक्सीन में जिन पार्टिकल्स का उपयोग किया गया है, वे अपनी कॉपीज बनाने में सक्षम नहीं है। यह वैक्सीन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करेगी। वैक्सीन के लगने के बाद यदि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस की चपेट में आता है तो कोरोना वायरस उस व्यक्ति के इम्यून सिस्टम द्वारा खत्म किया जा सकेगा।

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अभी वैक्‍सीन का क्‍या है स्‍टेटस?

फिलहाल इस वैक्‍सीन के क्लिनिकल ट्रायल का डेटा और अन्‍य डॉक्‍युमेंट्स का एक्‍सपर्ट रिव्‍यू चल रहा है। रजिस्‍ट्रेशन पर फैसला इसके नतीजों पर निर्भर करेगा। साथ ही साथ वैक्‍सीन का फेज 3 ट्रायल भी चल रहा है।

इस टीके के साइड इफेक्‍ट्स भी हैं?

गमलेया इंस्टिट्यूट के चीफ के अनुसार, आमतौर पर वैक्सीनेशन के बाद व्यक्ति को हल्का बुखार, थकान या कुछ वक्त के लिए शरीर में टूटन का अहसास होता है। इस वैक्सीन के लगने के बाद हमारे इम्यून सिस्टम को काफी तेजी मिलेगी। वैक्‍सीन की डोज से प्राकृतिक रूप से हल्का बुखार हो सकता है लेकिन परेशानी की बात नहीं है। पैरासिटामॉल की टैबलेट से बुखार में राहत मिल सकती है।

किसको सबसे पहले मिलेगी डोज?

रिपोर्ट्स के अनुसार, गमलेया इंस्टिट्यूट के प्रमुख एलेक्‍जेंडर गिंट्सबर्ग और वैक्‍सीन डेवलपमेंट में शामिल लोगों ने खुद को वैक्‍सीन की डोज दी है। रूस के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मिखाइल मुराशको कह चुके हैं कि इसी महीने से हेल्‍थ वर्कर्स को वैक्‍सीन देने की शुरुआत हो सकती है। रूस में सबसे पहले फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। इसके बार सीनियर सिटिजंस को वैक्‍सीन दी जाएगी।

कब तक मार्केट में आ जाएगी यह वैक्‍सीन?

रूस की स्‍पतनिक न्‍यूज एजेंसी के अनुसार, फिलहाल इस वैक्‍सीन की लिमिटेड डोज तैयार की गई हैं। एक बार रेगुलेटरी अप्रूवल मिलने के बाद इस वैक्‍सीन का इंडस्ट्रियल प्रॉडक्‍शन सितंबर से शुरू हो सकता है। रूस ने कहा है कि वह अक्‍टूबर से देशभर में टीका लगाने की शुरुआत कर सकता है।

दुनिया में किसे पहले मिलेगी यह वैक्‍सीन?

रूस ने दुनियाभर में वैक्‍सीन सर्प्‍ला करने की बात तो कही है मगर कई देश अभी इसे लेकर हिचक रहे हैं। पश्चिमी देशों समेत वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन ने चिंता जताई है कि बिना पर्याप्‍त डेटा के वैक्‍सीन सप्‍लाई करना ठीक नहीं होगा। यूनाइटेड किंगडम ने साफ कहा है कि वह अपने नागरिकों को रूसी वैक्‍सीन की डोज नहीं देगा। ऐसे में हो सकता है कि शुरुआती दौर में वैक्‍सीन दूसरे देशों को न भेजी जाए। रूस की आम जनता पर वैक्‍सीन का असर देखने के बाद बाकी देश इसपर कोई फैसला कर सकते हैं।

कितने होंगे इस वैक्‍सीन के दाम?

रूसी एजेंसी TASS के अनुसार, रूस में यह वैक्‍सीन ‘फ्री ऑफ कॉस्‍ट’ उपलब्‍ध होगी। इसपर आने वाली लागत को देश के बजट से पूरा किया जाएगा। बाकी देशों के लिए कीमत का खुलासा अभी नहीं किया गया है।

 

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