मामूली बरसात भी नहीं झेल सका रिंग बांध

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गोण्डा (संदेशवाहक न्यूज)। अभी तक बंधेे की गुणवत्ता और निर्माण को ही कटघरे में खड़ा किया जा रहा था, लेकिन अब गांव को बाढ़ की ज़द में आने से बचाने के लिए बनाए गये रिंग बांध को लेकर भी सवाल खड़े किए जाने लगे हैं। मामूूली बारिश में ही इस रिंग बांध की मिट्टी कटकर बह गई है। उमरीबेगमगंज क्षेेत्र के ऐली परसौली के भिखारीपुर-सकरौरा तटबंध टूटने के बाद ऐली परसौली गांव के 65 लोगों के आशियाने अब तक घाघरा नदी की कटान में समा चुके हैं।

वहीं दूसरी तरफ गाांव को बाढ़ की ज़द में आने से बचाने के लिए बनाया गया रिंग बांध मामूली बरसात भी नहीं झेल पाया जिससे नए रिंग बांध की मजबूती को लेकर सवाल उठने लगे हैं। रविवार को दोपहर में रिंग बांध की मिट्टी कटकर बह गई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भीषण बाढ़ आने पर यह बांध कितना टिकाऊ साबित होगा? बताया जाता है कि ग्रामीणों ने पहले ही इस रिंग बांध पर सवालिया निशान लगाते हुए इसकी चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन विभागीय अधिकारी इसी ऊंचाई को पर्याप्त बता रहे थे।

एली परसौली गांव में अब तक लगभग 65 लोगों के आशियाने कटान की भेंट चढ़ चुके हैं। विस्थापन का दंश झेल रहे इन परिवारों के पास घर बनाने के लिए न तो जमीन है और न ही रहने का कोई ठिकाना। किसी तरह अपने हितैषियों के दरवाजे पर रहकर गुजारा कर रहे हैं। कुछ लोगों का घर पिछले वर्ष भी कट गया था और इस वर्ष भी कटान की भेंट चढ़ गया है। ऐसे में इन परिवारों के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

खेती-बारी भी नदी में समा चुकी है। इन परिवारों को राहत के रूप में प्रशासन की तरफ से पॉलीथिन और राहत किट प्रदान की जा रही है। एसडीएम तरबगंज राजेश कुमार मौके पर कैंप कर रहे हैं। विशुनपुरवा के शिव कुमार ने बताया कि उसका पांच पेड़ विभागीय अधिकारी कटवा कर ले गए थे। कटवाए गये पेड़ों का पैसा देने की बात कही गयी थी, लेकिन अब वह टाल-मटोल कर रहे हैं। एसडीम तरबगंज राजेश कुमार ने बताया कि कटान पीड़ितों को सहायता पहुंचाई जा रही है। फसल का मुआवजा किसानों को मिल गया है।