खुशखबरी: रूस ने बनाई कोरोनावायरस की वैक्सीन, पुतिन ने पहली डोज बेटी को लगवाई

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मॉस्को. दुनिया के तमाम देशों को पीछे छोड़ते हुए रूस ने कोरोनावायरस वैक्सीन बनाने में बाजी मार ली है। मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की घोषणा करते हुए कहा, हमने कोरोना की सुरक्षित वैक्सीन बना ली है। देश में रजिस्टर्ड भी करा लिया है। मैंने अपनी दो बेटियों में एक बेटी को पहली वैक्सीन लगवाई है, वो अच्छा महसूस कर रही।

रूसी अधिकारियों के मुताबिक, Gam-Covid-Vac Lyo नाम की इस वैक्सीन को तय योजना के अनुसार रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय और रेग्युलेटरी बॉडी का अप्रूवल मिल गया है। बताया जा रहा है कि वैक्सीन को सबसे पहले फ्रंटलाइन मेडिकल वर्कर्स, टीचर्स और जोखिम वाले लोगों को दिया जाएगा।

रूस ने पहले ही दे दिए थे संकेत

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रूस ने महीने भर पहले ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि उनकी वैक्सीन ट्रायल में सबसे आगे है। वे 10 से 12 अगस्त के बीच रजिस्टर्ड करा लेंगे। हालांकि, इस वैक्सीन को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन रूस पर भरोसा नहीं कर रहे। रूस पर वैक्सीन का फार्मूला चुराने के आरोप भी लग रहे।

जानें कब से लगेगी ये वैक्सीन

दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन को रक्षा मंत्रालय और गामालेया नेशनल सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एपिडिमियोलॉजी एंड माइक्रोबायलॉजी ने मिलकर तैयार किया है। सितम्बर से इसका उत्पादन करने और अक्टूबर से लोगों को लगाने की तैयारी शुरू हो गई है।

वैक्सीन ने सभी जरूरी ट्रायल पूरे किए

रूसी न्यूज एजेंसी तास के मुताबिक, मंगलवार को देश के शीर्ष अधिकारियों के साथ मीटिंग में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‘जहां तक मुझे पता है, आज सुबह दुनिया में पहली बार कोरोनोवायरस संक्रमण से बचाव का एक वैक्सीन रजिस्टर्ड कर ली गई है।’ पुतिन ने स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको से इस बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा है। मुराशको ने बताया, ‘मुझे जानकारी दी गई है कि हमारी वैक्सीन प्रभावी तरीके से काम करती है और एक अच्छी इम्यूनिटी पैदा करती है। मैं दोहराता हूं कि इसके लिए सभी जरूरी ट्रायल पूरे कर लिए गए हैं।

बड़े स्तर पर होंगे ट्रायल

रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन ट्रायल के परिणाम सामने हैं। उनमें बेहतर इम्युनिटी विकसित होने के प्रमाण मिले हैं। दावा किया कि किसी वॉलंटियर्स में निगेटिव साइड-इफेक्ट देखने में नहीं आए। रूस ने दावा किया कि उसने कोरोना की जो वैक्सीन तैयार की है वह क्लीनिकल ट्रायल में 100% तक सफल रही है। ट्रायल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन वॉलंटियर्स को वैक्सीन दी गई उनमें वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित हुई है।

सवालों के घेरे में रूस के दावे

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रूस द्वारा बनाई गई कोरोना की वैक्सीन को लेकर कई तरह की शंकाएं जताई हैं। संगठन वैक्सीन के तीसरे चरण को लेकर संशय है। संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियन लिंडमियर ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, अगर किसी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो इसे खतरनाक मानना ही पड़ेगा।

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