सीखते समय बच्चों के कौशल का आकलन करें शिक्षक : जायसवाल

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गोण्डा (संदेशवाहक न्यूज)। मिशन प्रेरणा के अन्तर्गत राज्य स्तरीय पांंच दिवसीय वेबीनार शिक्षा में कला के पांचवें दिन मुख्य अतिथि डॉ. प्रदीप जायसवाल शोध प्रवक्ता राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद लखनऊ उत्तर प्रदेश रहे। उन्होंने कला में आकलन एवं सीखने पर अपने विचार को विभिन्न उदाहरणों द्वारा रखा।

डॉ. जायसवाल ने कहा कि शिक्षा में कला विषय को जोड़ते हुए जब बच्चे सीख रहे हों, उस समय हम शिक्षकों को उनके कौशलों का आकलन करना चाहिए जिससे उनकी छिपी हुई प्रतिभा को निखार सकें। कार्यक्रम संयोजक राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि साहित्य, संगीत, कला विहीन मनुष्य समाज में अपनी पहचान खो देता है जिससे उसे शर्मशार होना पड़ता है।

इस राज्य स्तरीय वेबीनार में प्रदेश के 200 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया। विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रांची शर्मा प्रवक्ता डायट पुखरायां कानपुर देहात ने कहा कि इस वेबीनार द्वारा लॉकडाउन के समय भी अपने बच्चों के लिए बेहतर शैक्षिक वातावरण सृजन के लिए एक सार्थक पहल की गयी है, जो प्रशंसनीय है। विशिष्ट अतिथि उमेश राठी राज्य स्तरीय प्रशिक्षक ने कहा कि जीवन में बच्चे हर दिन कला के विभिन्न रूपों से रूबरू होते हैं। बस हम उनके रुचि को ध्यान में रखते हुए उन्हें सही दिशा प्रदान करें। शिक्षा में कला विषय बहुत ही रुचिकर टॉपिक है। हम जीवन भर सीखते रहते हैं।

मीनू सिंह राज्य स्तरीय प्रशिक्षिका अमरोहा, श्रीमती अमृता सिंह राज्य स्तरीय प्रशिक्षिका वाराणसी द्वारा सभी प्रतिभागियों से उनके विचार को आमंत्रित कर बताया गया। सह संयोजिका प्रीति सोनकर द्वारा मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व विशेषज्ञ एवं सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में तकनीकी सहायक अच्युत मिश्रा, शिखा सिंह, ऋचा सिंह एवं संचालन कर रहे सुनील कुमार आनन्द गोण्डा, स्वाती सचान ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।