समाज कल्याण मंत्री के क्षेत्र की सड़कें बनीं तालाब!

गोण्डा। ‘महज सड़कों पे गड्ढे हैं, न बिजली है न पानी है, हमारे शहर गोण्डा की फिज़ा कितनी सुहानी है।’ प्रख्यात जनवादी कवि रामनाथ सिंह ‘अदम गोंडवी’ की ये पंक्तियां जिले की बदहाल एवं जर्जर सड़कों पर फिट बैठती हैं। वैसे तो इस रिपोर्ट की तस्वीर ही विकास तथा गड्ढा मुक्त के दावे की कलई खोलने के लिए काफी है, लेकिन वीवीआईपी क्षेत्र का मामला होने के कारण इस पर विस्तार से चर्चा होनी जरूरी है।
सूबे में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढा मुक्त करने का आदेश दिया था। इस पर काफी हद तक अमल भी हुआ, लेकिन इस जिले में गड्ढा मुक्त अभियान की हवा निकल गयी। हकीकत यह है कि यहां कागजी घोड़े दौड़ाकर खानापूर्ति की गई और कागजों में ही सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया गया। सबसे खराब स्थिति प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री के निर्वाचन क्षेत्र मनकापुर का है, जहां का नजारा देखकर सहज ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां सड़कों पर गढ्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है?
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सूबे में सरकार बदली, प्राथमिकता बदली, लेकिन विकास कार्यों का सिस्टम नहीं बदला। दरअसल, सूबे में भाजपा की सरकार आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का फ़रमान सुनाया था, जिसके बाद ज़िले में टूटी फूटी सड़कों पर चलने का दंश झेल रही जनता में यह उम्मीद जगी थी की शायद अब उन्हें गड्ढों वाली सड़क से छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन यहां सरकार के ही सांसद, मंत्री और अधिकारी मिलकर गड्ढा मुक्त सड़क अभियान की हवा निकाल रहे हैं, जिससे बेहतर सड़क की आस लगाए जनता की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है।
यूपी के कैबिनेट मंत्री समाज कल्याण रमापति शास्त्री जिले की मनकापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। चुनाव के दौरान उन्होंने क्षेत्र की जनता से पुलों और सड़कों का जाल बिछाने का वायदा किया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद काफी समय तक लोगों को उनके दर्शन नहीं हुए। क्षेत्र की टूटी फूटी सड़कें मरम्मत के अभाव में और भी जर्जर हो गयीं। जुलाई माह की पहली बारिश में ही मनकापुर की अधिकांश सड़कें उखड़ गई हैं, जिससे अब यह अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो गया है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क है?
मनकापुर-उतरौला मार्ग की स्थिति इतनी भयावह है कि इस सड़क से गुजरने वाले हर राहगीर सिर पर कफ़न बांंध कर निकलते हैं। यहां पूरी सड़क जर्जर होने के साथ ही गड्ढों में तब्दील हो गयी है। ऐसा लगता है की यहां गड्ढों में ही सड़क बनी हुई है। हैरत की बात तो यह है की ऐसी स्थिति कहीं और की नहीं बल्कि योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री के विधानसभा व गोण्डा के भाजपा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भइया के गृह क्षेत्र मनकापुर की है।
यही नहीं, बात अगर विधानसभा मनकापुर की ग्रामीण सड़कों की कि जाए तो मनकापुर से मछली गांंव, अंंधियारी बाजार से जिगना मार्ग जैसी दर्जनों सड़कें गड्ढे में समा चुकी हैं। ये सड़कें राहगीरों के मुसीबत का सबब बन गयी हैं। बताते चलें कि इसी वर्ष आधी-अधूरी बनी शहर में गुमटी चौराहा से स्टेशन तक की मुख्य आरसीसी सड़क भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर चंद दिनों में ही टूटकर उखड़ने लगी है।
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वहीं नवाबगंज-मनकापुर मार्ग भी आधे अधूरे में लटका हुआ है। खराब सड़कों की वजह से ही आए दिन लोग दुर्घटना के शिकार भी हो रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि जनप्रतिनिधियों को जैसे जनता की समस्याओं से कोई वास्ता सरोकार ही नहीं है। वे सब कुछ देख और जान रहे हैं लेकिन इसके बावजूद खामोशी की चादर ओढ़कर कुंभकर्णी नींद सो रहे हैं।
बिछाया जा रहा सड़कों व पुलों का जाल
“इस संबंध में गोण्डा के भाजपा सांसद का कहना है कि विकास न करने के आरोप निराधार हैं। मनकापुर में ही नहीं, बल्कि पूरे गोण्डा लोकसभा क्षेत्र में सड़कों एवं पुलों का जाल बिछाने का काम उन्होंने किया है। सांसद ने कहा कि दर्जीकुआं से मनकापुर-बभनान वाया हर्रैया तक हाईवे का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जो उन्हीं के अथक प्रयास से संभव हो सका है।
मनकापुर-उतरौला मार्ग के निर्माण की प्रक्रिया भी शीघ्र ही शुरू हो जाएगी। इस संबंध में जिले में आगमन पर मुख्यमंत्री से उन्होंने अनुरोध किया था, जिस पर सीएम ने तीन दिवस के अंदर रिपोर्ट तलब की थी। पूरे क्षेत्र में विकास की धारा बह रही है। एक भी सड़क जर्जर या गड्ढायुक्त नहीं रहेगी।”
कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया, सांसद गोण्डा