बिजली बिल से लाश के टुकड़ों का राज खुला

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बाराबंकी (संदेशवाहक न्यूज)। 7 जुलाई यानी 38 दिन पहले सफेदाबाद केवाड़ी के सूनसान इलाके में बैग व सूटकेस मिली युवती की लाश बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट और वहीं सहारा एयरपोर्ट में केएफसी स्टोर में काम करने वाली आयशा की थी।

एक युवती बलरामपुर के युवक के साथ लव मैरिज कर कैसे हालात का शिकार होकर लाश के टुकड़ों में तब्दील हुई, पुलिस ने 35 दिन में ये गुथ्थी एक बिजली बिल के टुकड़े में लिखे मीटर नम्बर और उसकी रकम के सहारे सुलझा ली। हत्या करने वाला उसका पति ही निकला उसे जेल भेज दिया गया है।

बता दें कि 7 जुलाई को कोतवाली नगर पुलिस को बैग और सूटकेस में सिर और धड़ अलग अलग मिला था। कुछ दिनों तक तफ्तीश में पुलिस ने लोकल हॉस्टल में रहने वाले लोगों से पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया। इसमे ये पता नहीं चल सका कौन और किस वाहन से हाइवे किनारे ये सूटकेस और बैग डाल गया।

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शिनाख्त न होने के तय समय बाद पोस्टमार्टम हो गया। पुलिस के पास सूटकेस बैग और उसमें रखे गए कपड़ों के अलावा कुछ नहीं था। इन्हीं सुराग पर माथा पच्ची चल रही थी। एसपी की निगरानी में टीमें बनी थी। इसी दौरान पुलिस को एक बैग में बिजली बिल का एक टुकड़ा मिल गया।

बिजली बिल से घर और आरोपी समीर का मिला सुराग

बेहद खस्ताहाल मिले इस बिल में मीटर नम्बर दिखा फिर जमा किये जाने वाला एमाउंट। मीटर नम्बर के सहारे ये पता चल गया कि बिल लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके का है। एमाउंट के हिसाब से बारीकी से विश्लेषण किया गया तो बिल के उपभोक्ता के रूप में चेतन बिहार कालोनी निवासी रिजवाना का नाम सामने आ गया।

रिजवाना का ये मकान डेढ़ साल पूर्व बलरामपुर महाराजगंज गुलरिहा निवासी समीर ने खरीदा था। समीर का मोबाइल नम्बर पता चला तो सर्विलांस सेल को उसकी लोकेशन 5 जुलाई को केवाड़ी मोड़ सफेदाबाद की मिली। समीर ने घटना के बाद नया नम्बर ले लिया था ये नम्बर भी सर्विलांस सेल ने खोज निकाला और फिर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

लाकडाउन में आ गया था लखनऊ, पत्नी को नहीं लाया

एसपी डॉ अरविंद चतुर्वेदी के मुताबिक समीर कक्षा 5 पास है। 2005 में वो लखनऊ से मुम्बई जाकर बांद्रा की एक दुकान में चिकन काटने का काम करने लगा। रकम जुटाकर कार भी खरीदी। 2015 में उसकी मुकाकात आयशा उर्फ मालन बादशाह शेख नामक युवती से हुई। मूल रूप से कर्नाटक के परिवार की ये युवती बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर चर्च गेट पर एक शो रूम में फिर बाद में सहारा एयरपोर्ट में केएफसी स्टोर में काम करने लगी।

नवम्बर 2017 में दोनो ने कोर्ट मैरिज कर ली। आयशा के परिवार ने ये शादी स्वीकार कर ली। मार्च 2020 में आयशा का एबॉर्शन भी मुम्बई में समीर ने करवा दिया। इसके बाद लाकडाउन में समीर वापस लखनऊ आ गया। इधर आयशा ने भी लखनऊ आने की जिद पकड़ ली और 25 जून को आ भी गई। उसने समीर से बलरामपुर चलने को कहा।

चिकन की तरह पत्नी के शव को काट डाला

5 जुलाई की सुबह दोनों के बीच झगड़ा हुआ। समीर ने एक लोहे का पाइप आयशा के सिर पर मार दिया। उसकी मौत के बाद चाकू चापड़ खरीद कर लाया चिकन काटने का हुनर जानते हुए उसकी लाश के कई टुकड़े कर दिए। दोनों हाथ दोनों पैर और सिर के अलग अलग टुकड़ों को बैग सूटकेस में भर कर बाद में केवाड़ी के निकट फेंक दिया।

एसपी के मुताबिक समीर ने जिस बैग में लाश का टुकड़ा रखा वो बैग रिजवाना के एक अन्य किरायेदार का था जिसमे मकान का बिजली बिल रखा था। समीर इस बैग से मात खा गया। वो नेपाल भागने की फिराक में था।

आशिक मिजाज समीर की और भी हैं प्रेमिका

फिलहाल समीर के बारे में पता चला कि उसने खुद को शादी डॉट कॉम पर रजिस्टर्ड करा रखा था। प्रतापगढ़ मुरादाबाद व दिल्ली में भी उसकी प्रेमिका होने के सबूत मिले हैं। लखनऊ में उसके खरीदे गए घर में भी अलग अलग युवतियों के आना जाना लगा रहता था।

हालांकि उसने आयशा के बारे में बताया कि उसे अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था। एबॉर्शन इसीलिए कराया था। पुलिस को उसकी आई टेन कार में आयशा के शैक्षिक अभिलेख कुछ जेवर और अन्य सामान भी मिला है। पुलिस ने आयशा के परिवार को भी समीर की करतूत से अवगत करा दिया है।