कोई 60 तो कोई अब तक 56 कर चुका है एनकाउंटर, विकास दुबे को पकड़ने में लगाए जा सकते हैं ये IPS

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लखनऊ. यूपी के कानपुर में चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। उसे ढूंढ़ने में पुलिस की 100 टीमों को लगाया गया है। इस बीच विकास के नेपाल चले जाने या चंबल के बीहड़ में पहुंचने का अंदेशा जताया जा रहा है। यूपी पुलिस इसकी खोजबीन में एड़ी चोटी का जोड़ लगा दे रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि गैंगस्टर को पकड़ने के लिए योगी सरकार अपने 4 एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अफसर के तजुर्बें का फायदा उठा सकती है। आज हम आपको इन 4 अफसरों के बारे में बताने जा रहे हैं।

नवनीत सिकेरा
यूपी के आईपीएस नवनीत सिकेरा अब तक 56 से ज्‍यादा एनकाउंटर कर चुके हैं। इन्होंने कुख्यात गैंगस्टर रमेश कालिया के आतंक को खत्‍म किया था। इनकी अगुआई में पुलिस ने बारातियों का वेश बदलकर रमेश कालिया को मौत के घाट उतारा था। नवनीत ने थाने में पिता के साथ हुई अभद्रता के बाद पुलिस फोर्स ज्वाइन करने का फैसला किया था।

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दलजीत चौधरी
तेज तर्रार आईपीएस में गिने जाने वाले दलजीत चौधरी को पांच वीरता पुरस्कार मिल चुका है। इन्होंने अब तक 60 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। हाल ही में लखनऊ में सैफउल्लाह का एनकाउंटर किया था। दलजीत एसटीएफ से भी जुड़े रहे हैं। लखनऊ में व्यापारियों से रंगदारी वसूलने वाले कई बड़े बदमाशों को ये निपटा चुके हैं। इन्होंने सबसे ज्यादा इटावा में डकैतों का सफाया किया।

राजेश पाण्डे
चार वीरता पुरस्कार पाने वाले आईपीएस राजेश पांडेय एसटीएफ में एसपी रह चुके हैं। ये माफिया और यूपी के सीएम की सुपारी लेने वाले श्रीप्रकाश शुक्ला को मारने वाली टीम का हिस्सा थ। इन्होंने एक लाख के इनामी मंजीत को कोलकाता में जाकर मार गिराया था। बनारस ब्लास्ट में शामिल लश्कर के आतंकवादी सलार को भी इन्होंने ही ढेर किया था। कहा जाता है कि किसी भी जिले में नेटवर्क बनाने में इनका कोई तोड़ नहीं। इनके नाम अबतक 50 से ज्यादा एनकाउंटर दर्ज हैं।

अनंत देव
अनंत देव की गिनती भी तेजतर्रार आईपीएस अफसरों में होती है। इन्होंने अब तक 60 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। पुलिसवालों को मारने वाला ठोकिया गैंग के लीडर ददुआ को भी इन्होंने ही मारा था। ददुआ को मारने के बाद उसकी पूरी गैंग का सफाया भी किया। इसके अलावा बीहड़ों में सिर उठाने वाले नए-नए बदमाशों का सफाया करने का श्रेय इनको ही जाता है। इन्हें कई वीरता पुरस्कार भी मिले हैं।

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