बच्चों के लिए जिंदगी दांव पर लगाती हैं वंदना

गोण्डा। चारों तरफ बाढ़ का पानी, बीच में स्कूल, जहां करीब 200 से अधिक बच्चों के भविष्य को संवारने का काम किया जाता है। वह भी जान जोखिम में डालकर। विद्यालय जाने वाले एकमात्र रास्ते पर भी बाढ़ की विभीषिका ने पैर जमा रखा है। ऐसे में स्कूल तक पहुंचने का सहारा नाव ही है। नाव में सवार होकर जब शिक्षिका वंदना पटेल स्कूल की ओर बढ़ती हैं तो मदमस्त पानी की लहरों से बदन में सिहरन सी होती है। और मन किसी अनहोनी की आशंका से भयभीत हो जाता है। इसके बावजूद वे हिम्मत और हौंसला नहीं हारतीं।
जिले के शिक्षा क्षेत्र नवाबगंज के प्राथमिक विद्यालय महेशपुर की प्रधानाध्यापिका वन्दना पटेल व उनके स्टाफ ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिया है कि जहां चाह है, वहां राह है। माझा क्षेत्र में स्थित इस स्कूल में पहुंचने के लिए इकलौता मार्ग है, वह भी बरसात के मौसम में सरयू नदी में आने वाली बाढ़ की वजह से बंद हो जाता है, जिससे इस स्कूल में पहुंचने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा रह जाती है। बताते हैं कि स्कूल के चारों तरफ बाढ़ की विभीषिका तांडव मचाती है लेकिन विद्यालय पूरी तरह सुरक्षित रहता है। यहां करीब 200 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। सभी नियमित स्कूल भी आते हैं लेकिन जान हथेली पर रखकर। बच्चों के भविष्य को लेकर यहां की प्रधानाध्यापिका वंदना पटेल तथा उनका स्टाफ भी सकारात्मक सोच रखता है। तभी तो बाढ़ की परवाह को दरकिनार कर सब नाव से स्कूल पहुंचते हैं और बच्चों को शिक्षा ग्रहण कराने का काम करते हैं।
वंदना पटेल कहती हैं कि पानी की धारा से डर जरूर लगता है, लेकिन ड्यूटी के प्रति कर्तव्य व बच्चों का प्यार इससे लड़ने का साहस देता है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता दिवस का दिन बहुत खास होता है। इसलिए राष्ट्रीय पर्व मनाने के लिए हरहाल में स्कूल पहुंचना था। कोरोना की वजह से आवश्यक सावधानी बरतते हुए 74वें स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया गया। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से बच्चों को नहीं बुलाया गया था फिर भी कुछ बच्चे व अभिभावक इस आयोजन में शामिल हुए। ग्राम प्रधान छेदी लाल द्वारा झंडा रोहण किया गया। आए हुए लोगों में मिष्ठान वितरण के साथ ही प्रधानाध्यापिका वन्दना पटेल द्वारा कोरोना से बचाव हेतु मास्क व डिटाल साबुन का वितरण भी किया गया। वंदना कहती हैं कि कर्तव्यों के प्रति ईमानदारी और बच्चों के प्यार के आगे बाढ़ की विभीषिका कोई मायने नहीं रखती।
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