भू माफिया की टॉप टेन सूची में नहीं है विकास दुबे का नाम!

कानपुर। 8 पुलिस वालों को मौत के घाट उतारने वाला गैंगस्टर विकास दुबे का राजनीतिक दबदबा इसी से पता लगता है की करोड़ों की जमीन कबजाने के बावजूद वह भूमाफिया की टॉप टेन सूची में शामिल नहीं था। कुख्यात बदमाश और कानपुर एनकाउंटर के मुख्य आरोपी को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं।
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अब विकास दुबे को लेकर जो बात सामने आई है उससे पुलिस भी हैरान है।जबरन कब्जा की गई जमीनों से करोड़ों की संपत्ति बनाने वाला विकास दुबे शासन-प्रशासन की भूमाफिया की टॉप-10 सूची में नहीं है। प्रदेश की योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही बदमाशों और भूमाफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की घोषणा की थी। कई बड़े भू माफियाओं को सरकार ने बेनकाब भी किया लेकिन विकास दुबे पर कोई आंच नहीं आई।
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तहसील और थाना स्तर पर कब्जे की कोई शिकायत ही नहीं है। या यूं कहें किसी ने शिकायत कराने की हिम्मत ही नहीं जुटाई। सरकारी व्यवस्था के तहत किसी को भूमाफिया घोषित करने के लिए उसके खिलाफ दो स्तर से जांच की जाती है। पहली व्यवस्था के तहत यदि किसी ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है तो तहसील के माध्यम से जांच कर कब्जा करने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर जानकारी ऊपर भेजी जाती है। दूसरी व्यवस्था के तहत यदि किसी ने प्राइवेट जमीन पर कब्जा किया है और जिसकी जमीन है, उसने थाने में मुकदमा दर्ज करा रखा है तो पुलिस की तरफ से कब्जे की रिपोर्ट ऊपर भेजी जाती है।
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इन दोनों माध्यमों से जो रिपोर्ट आती है, उसी आधार पर किसी को भूमाफिया घोषित करने की व्यवस्था है। विकास दुबे के खिलाफ तहसील और थाना स्तर पर किसी तरह की जमीन कब्जाने की रिपोर्ट दर्ज ही नहीं की गई है।किसी ने प्रयास भी किया तो विकास दुबे अपने दबदबे से सब कुछ मैनेज कर लेता था। यही वजह है कि आज तक उसे भूमाफिया की श्रेणी में सूचीबद्ध नहीं किया जा सका है। बिकरू में हुई घटना के बाद अब शासन-प्रशासन प्रदेश स्तर पर उसकी जमीनों की जांच कर रही है। इसी आधार पर उसकी संपत्तियां नष्ट की जा सकती हैं। बिकरू में उसके आवास को ध्वस्त कर दिया गया है, कहा जा रहा यह आवास कब्जे की जमीन पर बना था।