तुलसी की माला पहनने से कम होता है ​मानसिक तनाव

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हेल्थ डेस्क। तुलसी की माला पहनने का जितना महत्व धार्मिक होता है उतना ही वैज्ञानिक भी हे। ऐसी मान्यता है कि माला को पहनने से ही आत्मा और मन की शुद्धि होती है। भक्त मानते हैं कि इस माला से जप करने से भगवान उनके और करीब आते हैं। सनातन काल से ही इसे स्वास्थ्य वृद्धि के लिए खास माना गया है। बताया जाता है कि गले में तुलसी माला पहनने से आवाज सुरीली होती है। हृदय पर झूलने वाली तुलसी माला हृदय व फेफड़े को रोगों से बचाती है। इसे पहनने वाले के स्वभाव में सात्विकता बढ़ती है। तुलसी की माला पहनने से व्यक्तित्व आकर्षक होता है।

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने एक जर्नल में लिखा है कि मेडिटेशन के दौरान आत्मा, शरीर और दिमाग को आपस में जोड़े रखने के लिए तुलसी की माला बहुत खास है। ऑस्ट्रेलियन प्रोफेसर ने एक जर्नल में लिखा है कि तुलसी का पौधा वायु प्रदूषण को भी कम करने में मदद करता है।

विद्युतशक्ति का बढ़ता है प्रवाह

तुलसी के पौधे में कई औषधीय गुण होते हैं जो इसे वैज्ञानिक तौर पर विशिष्ट महत्व देते हैं। इसे पहनने से जरूरी एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव से बाहर निकलने में मदद मिलती है और सेहत में सुधार होता है। इसको पहनने से शरीर में विद्युतशक्ति का प्रवाह बढ़ता है तथा जीव-कोशों का विद्युतशक्ति धारण करने का सामर्थ्य बढ़ता है। गले में तुलसी माला पहनने से विद्युत तरंगे निकलती हैं जो रक्त संचार में रुकावट नहीं आने देतीं।

तुलसी की लकड़ी से बनी माला में एक खास तरह का द्रव्य होता है। जिससे मानसिक तनाव दूर होता है। मन में उत्साह बढ़ता है। तुलसी की लकड़ियों से बनी माला शरीर से लगी रहती है तो ये कफ और वात दोष को दूर करने में मददगार होती है। इससे शारीरिक और मानसिक संतुलित बना रहता है।

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने एक जर्नल में लिखा है कि मेडिटेशन के दौरान आत्मा, शरीर और दिमाग को आपस में जोड़े रखने के लिए तुलसी की माला बहुत खास है। तुलसी के पौधे वायु प्रदूषण को भी कम करते हैं। इस पौधे की लकड़ी से ही माला बनाई जाती है। जो शारीरिक और मानिसक तौर से महत्वपूर्ण है।