लॉकडाउन लगा तो नौकरी छूटी और फिर छापने लगा नकली ‘भारतीय नोट’

औरैया (संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क)। लॉकडाउन में नाैकरी छूटने के बाद जालौन का रहने वाले युवक ने नकली नोट छापना शुरू कर दिया। पुलिस को भनक लगी तो गिरोह के सरगना समेत चार सदस्य तो हत्थे चढ़ गए हैं लेकिन अन्य साथी अभी फरार हैं। पुलिस ने एक लाख 61 हजार 800 रुपये के नकली नोट और उपकरण बरामद किए हैं।
सरगना समेत चार गिरफ्तार
सूचना के आधार पर पुलिस ने सदर कोतवाली अंतर्गत मोहल्ला बनारसीदास में छापेमारी की और नकली नोट छापने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए सरगना समेत चार को गिरफ्तार किया। सीओ सिटी सुरेंद्रनाथ यादव ने बताया कि गैंग सरगना और बदमाशों के कब्जे से दो हजार के 49, 500 के 91, 200 के 52, 100 के 69 और 50 के 20 नकली नोट मिले हैं। गैंग का सरगना धर्मेंद्र उर्फ करन राजपूत जालौन का रहने वाला है।
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सरगना के साथ मो. शहंशाह उर्फ समीर पठान, मो. कैफी अहमद और समीर खान पकड़े गए हैं। गिरोह के सदस्य नकली नोट औरैया, फरीदाबाद, जालौन व कानपुर देहात समेत कई जिलों में सप्लाई करते थे।
YouTube से सीखा नकली नोट छापना
जालौन के थाना रामपुरा के कस्बा ऊमरी मोहल्ला गूंज निवासी सरगना धर्मेंद्र उर्फ करन राजपूत गाजियाबाद की एक कंपनी में नौ हजार प्रति माह रुपये पर नौकरी करता था। लॉकडाउन के बाद वह औरैया आ गया था और नौकरी छूटने पर आर्थिक तंगी के हालात बन गए। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि उसने यू-टयूब पर वीडियो देखकर नकली नोट बनाना सीखा। इसके बाद पहले खुद नकली नोट छापे।
जिससे कहासुनी हुई उसे भी साथ शामिल कर लिया
एक दिन दिल्ली जाते समय उसने ट्रैवल्स एजेंसी में काम करने वाले समीर को पांच सौ रुपये का नकली नोट दिया तो उसने पहचान लिया। इसपर काफी कहासुनी हुई और बाद समीर को अधिक रुपये कमाने का लालच देकर गिरोह में शामिल कर लिया। समीर खान ने चाचा शहंशाह और दोस्त कैफी को भी गैंग का सदस्य बना लिया। इसके बाद चारों ने नकली नोट का कोराबार शुरू कर दिया।
सीओ सिटी ने बताया कि शहंशाह शराब पीने का लती था, इस कारण नशे की हालत में किसी ने नकली नोट खरीदने की बात कही, इसकी जानकारी पुलिस को हो गई। जब जांच की गई तो सारी पोल खुल गई।