नारी संसार: “ओशो” ने महिलाओं को पुरुष की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली बताया है, जाने क्यों

संदेशवाहक न्यूज़ डेस्क। ओशो ने जीवन दर्शन के बारे में भी लोगों को काफी ज्ञान दिया। उन्होंने कहानियों के माध्यम से जीवन से जुड़ी अमूल्य शिक्षाएं दीं जोकि आज के समय में भी काफी प्रासंगिक हैं। ओशो ने स्त्री और पुरुषों को सोच को भी कई बार परत-डर परत उजागर किया। ओशो ने महिलाओं को पुरुष की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली बताया है!
सहनशीलता भी बड़ी शक्ति है
उन्होंने कहा है, स्त्रियों की सहनशक्ति पुरुषों से कई गुनी ज्यादा है जबकि पुरुष की सहनशक्ति न के बराबर है। लेकिन पुरुष एक ही शक्ति का हिसाब लगाता रहता है, वह है शारीरिक क्षमता की क्योंकि वह बड़ा पत्थर उठा लेता है, इसलिए वह सोचता रहा है कि मैं शक्तिशाली हूं। लेकिन बड़ा पत्थर अकेला आयाम अगर शक्ति का होता तो ठीक है, सहनशीलता भी बड़ी शक्ति है- जीवन के दुखों को झेल जाना। स्त्रियां देर तक जवान रहती हैं, अगर उन्हें दस-पंद्रह बच्चे पैदा न करना पड़ें। जबकि पुरुष जल्दी बूढ़े हो जाते हैं, स्त्रियां देर तक युवा और ताजी रहती हैं।
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लड़कियां पहले बोलना शुरू करती हैं, बुद्धिमत्ता लड़कियों में पहले प्रकट होती है। लड़कियां ज्यादा तेज होती हैं।
स्त्री तुम्हारे पीछे पड़ जाए, तुम घबरा जाओगे
ओशो कहते है, जो भी स्त्री आक्रामक होती है वह आकर्षक नहीं होती है। अगर कोई स्त्री तुम्हारे पीछे पड़ जाए और प्रेम का निवेदन करने लगे तो तुम घबरा जाओगे तुम भागोगे क्योंकि वह स्त्री पुरुष जैसा व्यवहार कर रही है। उसका माधुर्य इसी में है कि वह सिर्फ प्रतीक्षा करती है।
वह तुम्हें उकसाती है, लेकिन आक्रमण नहीं करती। वह तुम्हें बुलाती है, लेकिन चिल्लाती नहीं। उसका बुलाना भी बड़ा मौन है। वह तुम्हें सब तरफ से घेर लेती, लेकिन तुम्हें पता भी नहीं चलता। उसकी जंजीरें बहुत सूक्ष्म हैं, वे दिखाई भी नहीं पड़तीं। वह बड़े पतले धागों से, सूक्ष्म धागों से तुम्हें सब तरफ से बांध लेती है, लेकिन उसका बंधन कहीं दिखाई भी नहीं पड़ता।
स्त्री दासी बनने की कला है
स्त्री अपने को नीचे रखती है लोग गलत सोचते हैं कि पुरुषों ने स्त्रियों को दासी बना लिया। नहीं, स्त्री दासी बनने की कला है। मगर तुम्हें पता नहीं, उसकी कला बड़ी महत्वपूर्ण है। दुनिया के किसी भी कोने में जब भी कोई स्त्री किसी पुरुष के प्रेम में पड़ती है, उसी समय अपने को दासी बना लेती है, क्योंकि दासी होना ही गहरी मालकियत है। वह जीवन का राज समझती है।
स्त्री कभी यह भी नहीं कहती सीधा कि यह करो, लेकिन वह जो चाहती है करवा लेती है। वह कभी नहीं कहती कि यह ऐसा ही हो, लेकिन वह जैसा चाहती है वैसा करवा लेती है। बड़े से बड़े शक्तिशाली पुरुष स्त्री के प्रेम में पड़ जाते हैं, और एकदम अशक्त हो जाते हैं।