एक्शन: किराएदार और डिलेवरी ब्वॉय का चरित्र सत्यापन अनिवार्य

जेसीपी कानून व्यवस्था ने दो माह का वक्त राजधानीवासियों को दिया

Sandesh Wahak Digital Desk : राजधानी में तमाम ऐसी आपराधिक वारदातें सामने आईं जिसमें अपराधी बिना किसी डर के किराएदार या डिलेवरी ब्वॉय बन वारदात को अंजाम दे गए। सालों से किराएदार और डिलेवरी ब्वॉय के चरित्र सत्यापन को लेकर दिशा निर्देश जारी होते रहे लेकिन राजधानीवासी गंभीर नहीं हुए। एक बार फिर लखनऊ पुलिस ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। जेसीपी कानून एवं व्यवस्था उपेन्द्र कुमार अग्रवाल ने पुलिस वेरिफिकेशन (चरित्र सत्यापन) को अनिवार्य कर दिया है।

यह व्यवस्था शनिवार से प्रभावी होगी। इस टास्क को धारा 144 के तहत इसे लागू किया गया है। दो माह के भीतर संबंधित कंपनी, प्रतिष्ठान अपने डिलीवरी मैन और मकान मालिक किराएदार का सत्यापन करवा लें। इसके साथ ही नए कर्मचारियों की नियुक्ति से पहले उनका वेरिफिकेशन सुनिश्चित कर लें।

अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कारवाई की जाएगी। जेसीपी ने कहा कि अगर कोई कर्मचारी किसी घटना में संलिप्त होता है और कंपनी का संचालक उसके बारे में जानकारी नहीं दे पाता है तो उसे भी संबंधित घटना में शामिल माना जाएगा। ऐसे में कंपनी संचालक के खिलाफ साजिश में शामिल होने की धारा में एफआईआर भी हो सकती है। सभी कंपनी अपने कर्मचारियों की जानकारी रखें।

सत्यापन के लिए 50 रुपए शुल्क का भुगतान करना होगा

यही नहीं जरूरत पड़ने पर उसे पुलिस को उपलब्ध कराएं। सत्यापन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जो यूपी कॉप एप और यूपी पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध है। सत्यापन के लिए 50 रुपए शुल्क का भुगतान करना होगा। अगर किसी व्यक्ति को ऑनलाइन सत्यापन में दिक्कत आ रही हो तो वह सीसीटीएनएस प्रभारी के फोन नंबर 9454405232 पर संपर्क करे।

जेसीपी ने बताया कि योजना का प्रचार सभी पुलिस उप आयुक्त, अपर पुलिस उप आयुक्त व सहायक पुलिस आयुक्त के कोर्ट के नोटिस बोर्ड तथा थानों में चस्पा किया जाएगा। इसके अलावा पुलिस कंट्रोल रूम की गाडिय़ों द्वारा लाउडस्पीकर से भी प्रचार किया जाएगा। जेसीपी ने बताया कि यह आदेश 25 अक्टूबर तक ही प्रभावी रहेगा। लिहाजा दो माह के अंदर किरायेदार, डिलेवरी ब्वाय और गर्ल का सत्यापन जरूर करा लें।

अवध और पॉलीटेक्निक चौराहा नो वेंडिंग जोन घोषित

जाम का झाम से आजिज अवध चौराहा और पॉलीटेक्निक चौराहे को इस दंश से मुक्त कराने के लिए अधिकारियों ने समीक्षा की थी। खुद चौराहों पर जाकर निरीक्षण भी किया। नई-नई योजनाएं बनीं, लेकिन फिर वही ढाक के तीन पात हो गए। अब जेसीपी ने ऑटो-टेंपो और ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

जेसीपी ने बताया कि पॉलीटेक्निक और अवध चौराहे के 100 मीटर के दायरे में कोई वाहन खड़े नहीं होंगे। दोनों चौराहों को नो-वेडिंग जोन घोषित किया गया है। अगर वाहन चालक नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कराया जाएगा। वाहन सीज किए जाएंगे। इसके बाद भी नियम का उल्लंघन होता मिला तो रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। चौराहों पर ठेले लगने वालों के खिलाफ भी अभियान चलाया जाएगा।

लखनऊ पुलिस ने नगर निगम को चौराहों पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। साथ ही दोनों चौराहों पर लाल पट्टी खींचने के लिए भी कहा गया है। जेसीपी ने बताया कि नगर निगम की ओर से 45 ऑटो स्टैंड की संस्तुति हुई है। जल्द ही विभाग की ओर से इस बारे में जानकारी साझा की जाएगी। पुलिस ऑटो, टेंपो और ई-रिक्शा एसोसिएशन के साथ बैठक करेगी और उन्हें नियमों के बारे में जानकारी देगी। पुलिस की ओर से वेंडरों के लिए भी प्रपोजल भेजा गया है। वेंडिंग जोन बड़ी समस्या है।

छह और नए नो-पार्किंग जोन

नो-पार्किंग जोन में छह और रूट जुड़ गए हैं। जेसीपी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि 17 जुलाई को 11 नो पार्किंग जोन बनाकर अभियान चलाया गया। जज, मंत्री और प्रेस लिखी गाड़ियों को टोह कर उठाया गया और चालान वसूला गया। पब्लिक से और सुझाव मांगे गए। जिसके बाद 6 और नो पार्किंग जोन बनाए गए हैं।

  • पत्रकारपुरम चौराहे से हुसड़िया तक सड़क के दोनों तरफ।
  • पत्रकारपुरम चौराहे से कैप्टन मनोज पांडेय चौराहे तक सड़क के दोनों तरफ।
  • पत्रकारपुरम चौराहे से नवाबपुरवा चौराहे तक।
  • पत्रकारपुरम चौराहे से ग्वारी चौराहे तक।
  • अवध चौराहे पर चारों तरफ सौ मीटर की परिधि में।
  • पॉलिटेक्निक चौराहे पर चारों तरफ।

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