सावधान! भरोसेमंद नौकर ही दे रहे दगा, चंद रुपयों के लालच में कर रहे संगीन अपराध

Sandesh Wahak Digital Desk/Abhishek Srivastava: नौकर, राजधानी की आबोहवा में अब यह नाम दूषित हो चला है। अब न दादी नानी के जमाने के रामू काका, राजू मिलते हैं और न ही गीता मौसी। यह भरोसेमंद नाम सिर्फ आपके और हमारे परिवार में नहीं बल्कि फिल्मों में भी दशकों तक छाए रहे। नौकर शब्द का उल्लेख अब विश्वास के साथ नहीं विश्वासघात के लिए किया जाने लगा है। कब कौन आस्तीन का सांप बन आपको डस ले, कहा नहीं जा सकता। वर्षों पुराने नौकर की नीयत भी कब बदल जाए कहना मुश्किल है। कब कौन सा विश्वसनीय नौकर मालिक की आंखों में तागा डाल दे बता पाना सहज नहीं।

नौकर की करतूत का कच्चा चिठ्ठा देख अच्छे भले इंसान की भी जमीन खिसक जाए तो बड़ी बात नहीं। हर दिन शहर के किसी न किसी कोने से नौकर की ओर से की गई वारदात की स्याह तस्वीर सामने आ ही जाती है। कहीं नशीला पदार्थ खिला तिजोरी साफ करने वाला नौकर दिख जाता है तो बुजुर्ग को मार कर ज्वैलरी लूटकर भाग जाता है। इन सबसे अलग किसी ओर के जरिए वारदात करवाने वाले शातिर अपराधी भी नौकर के वेश में हमारे बीच मौजूद हैं।

नौकर शब्द शहर के कई व्हाट्सएप गु्रप्स पर ट्रैंड कर रहा

ऐसा नहीं है कि ये नौकर आसमान से उतरे हों और फिर वारदात को अंजाम दे गायब हो जाते हैं। ये हमारे ही बीच रहते हैं, विश्वास जमाते हैं फिर मौका पाकर मालिक की आंख का काजल चुरा लेते हैं। कुछ दिन भूमिगत हो अपना नया ठिकाना चुनकर फिर से बिसात बैठाने लगते हैं। पिछले कुछ दिन से नौकर शब्द शहर के कई व्हाट्सएप गु्रप्स पर ट्रैंड कर रहा है। कहीं नौकरों से सतर्क रहने को कहा गया है। कहीं नौकरों के कथित हुनर की बारीकियां समझा सावधान किया जा रहा है।

कुछेक चर्चाओं में तो अखबार की कतरनें और वारदात के वीडियो क्लिप्स तक शेयर किए जा रहे हैं। क्राइम सीन रिक्रिएट कर कहा जा रहा है कि उद्देश्य बताना नहीं बचाना है। किसी वीडियो में नौकर तिजोरी तोड़ रहा है तो किसी में घर से भागता दिख रहा है। कहीं नशीला खाना बनाते तो किसी क्लिपिंग में खिलाते नजर आ रहा है।

नहीं खंगालते हैं नौकर का बैकग्राउंड

शहर में नौकरों की ओर से लगातार हो रही वारदात से पुलिस भी परेशान है। नौकर की एक करतूत खुलती नहीं उससे पहले दूसरी सामने आ जाती है। सवाल यह उठता है कि ये सब रुके कैसे? पुलिस अफसरों का मानना है कि घर या दुकान को लेकर कितने ही सुरक्षा के इंतजाम कर लें लेकिन जब नौकर की बात आती है तो लोग आंख मूंद लेते हैं। कोई बैकग्राउंड नहीं खंगाला जाता। वेरिफिकेशन तो दूर की बात है वह कहां से आया और कहां रह रहा है इसकी भी मालिक को खबर नहीं होती।

घरेलू नौकर के संदर्भ में तो स्थिति और बुरी होती है। नौकर पहले कहां काम करता था, वहां से क्यों छोड़ा? मालिक को इन सवालों से कोई सरोकार ही नहीं होता। नौकर रखने से पहले उसके इतिहास की पूरी जानकारी निकालना जरूरी है। साथ ही उसकी कुंडली भी देखें कहीं किसी घर में पहले से कोई अपराध तो नहीं बैठा था यह जानना जरूरी है। साथ ही किसी अधिकृत एजेंसी के जरिए ही नौकर रखें, लेकिन अच्छे से ठोक-बजाकर पहले इत्मीनान कर लें।

  • केस 1: 25 मई – इंदिरानगर सेक्टर-20 में रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्न मोहिनी की लूटपाट के बाद हत्या। करीब डेढ़ दशक पुराने नौकर अखिलेश और रवि ने साथी रंजीत के साथ साजिश रच वारदात को अंजाम दिया। 28 मई को करीब एक करोड़ के माल संग तीनों गिरफ्तार किए गए।
  • केस 2: 25 अप्रैल- सआदतगंज कोतवाली में इत्र कारोबारी सैफ समदी ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की मदद की। घर में रहते हुए आरोपी पिता पुत्र ने बिरयानी में नशीली गोलियां खिलाकर साढ़े 15 लाख के जेवर और कैश चोरी किए थे। पुलिस ने 12 मई को घटना का खुलासा किया था।
  • केस 3: 27 मई – इंदिरानगर सेक्टर-8 स्थित पटेलनगर निवासी सैय्यद महमूदुर रहमान के घर पर चार साल से नौकर दुर्गेश काम कर रहा था। आरोपी ने छोटे भाई की पत्नी को खाने में नशीली गोलियां खिलाकर करीब आठ लाख के जेवर लेकर गायब हो गया। पीडि़त ने गाजीपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

नौकर रखने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

  • किसी भी वेबसाइट से नौकर हायर करने से पहले वेबसाइट के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। किसी भी अन-रजिस्टर्ड संस्था या कंपनी से हायर न करें।
  • नौकर या नौकरानी को घर में एंट्री देने से पहले ही उसका व उसके द्वारा जमा करवाए दस्तावेजों का पुलिस वेरिफिकेशन करवा लें।
  • मेड, घर के नौकर या अपरिचितों के सामने कभी भी अपनी अलमारियां न खोलें। चाहे वह कितने ही वर्षों से आपके यहां काम कर रहा हो। अपनी ज्वैलरी, रुपए या अन्य कीमती वस्तुएं उनके सामने न निकालें और उनके सामने पैसों के लेन-देन के बारे में भी बात न करें।
  • आपकी मेड अगर किसी को अपने साथ लेकर आए या अपना रिश्तेदार बताकर आपसे मिलवाए तो उसे अंदर आने की इजाजत न दें। हो सकता है, इस बहाने वह आपका घर और सामान उसे दिखा रही हो।
  • अगर आप शहर से बाहर जा रहे हैं तो मेड को यह न बताएं कि आप कितने दिनों में आएंगी।
  • किसी को भी अपने घर की चाभी न दें। अक्सर लोग चाभियों को डोरमैट या किसी प्लांट के नीचे रख देते हैं। कार की व घर की चाबियां अलग-अलग की-रिंग में रखें।

यहां रंग लाई मेहनत, धरे गए ड्राइवर

बिजनौर थाने में रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र प्रताप सिंह निवासी पुष्पेंद्र नगर की पत्नी बीना पैरालाइज पीडि़त हैं। देखभाल के लिए ड्राइवर उमेश चंद्र अवस्थी को घर में दो कमरे दिए थे। जिसमें वह परिवार संग रहता था। तिजोरी से सोने का बिस्किट, जेवर और कैश गायब देख पीडि़त ने ड्राइवर और परिवार पर 28 मई को मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी ड्राइवर उमेश और किशोर बेटे को 30 मई को पकडक़र सोने का बिस्किट, लाखों के जेवर और करीब 12 बजे हजार नकद बरामद किया।

इसके साथ ही गौतमपल्ली पुलिस ने लेबुआ होटल के कमरे में नोएडा निवासी दवा व्यापारी आकाश शर्मा को नशीला पेय पिलाकर चोरी कर भागे ड्राइवर दिव्यम सिंह उर्फ नितिन निवासी जौनपुर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से चोरी की हीरे की अंगूठी, सोने का कड़ा और मोबाइल बरामद किया है।

नौकर हो या ड्राइवर रखने से पहले उसका पुलिस सत्यापन जरूर कराना चाहिए। सीसी कैमरे की रिकॉर्डिंग डीवीआर के साथ साथ गूगल ड्राइव पर भी लेनी चाहिए। संयुक्त परिवार हो या एकल नौकरों पर नजर रखने के साथ साथ उनके फेस एक्सप्रेशन को पढऩा चाहिए। इस वक्त के नौकर एक हाथ से काम करते हैं और दूसरे हाथ से मोबाइल पर क्राइम शो देखते हैं। पुराने जमाने के नौकर ईमानदारी से काम करते थे, लेकिन शॉर्ट कट से रुपए कमाना चाहते हैं।

विक्रम सिंह, रिटायर्ड डीजीपी यूपी

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