Chronic Pain: क्रोनिक पेन को ना करें नजरअंदाज, शरीर में बढ़ सकती है परेशानियां

Chronic Pain: शरीर के कई हिस्सों में लंबे समय से बनी दर्द की समस्या को क्रोनिक पेन कहा जाता है। ये क्रोनिक पेन (Chronic Pain) कई गंभीर समस्याओं की वजह बन सकता है।

अक्सर किसी चोट, बीमारी या उसके बाद क्रोनिक दर्द की समस्या हो सकती है। क्रोनिक दर्द (Chronic Pain) सामान्य दर्द से कहीं अधिक दिनों तक रहता है। ये दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।

क्रोनिक दर्द (Chronic Pain) एक गंभीर स्थिति है। इसे नजर अंदाज करना आपकी परेशानी बढ़ा सकता है। दर्द की वजह से मानसिक और शारीरिक काम पर असर पड़ता है।

क्रोनिक पेन काफी लंबे समय तक चलता है। ये शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। कई बार तो पूरे शरीर में भी दर्द की समस्या बन जाती है। सामान्य तौर पर ये दर्द पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ वाली जगह पर होता है।

शरीर के इन पार्ट्स में होता है पेन

  • पीठ के ऊपरी हिस्से में
  • कंधों में दर्द
  • पैर में दर्द
  • गर्दन के निचले हिस्से में दर्द
  • जोड़ों में दर्द
  • कलाई या कोहनी में दर्द
  • गंभीर बीमारियों के ट्रीटमेंट या सर्जरी के बाद ये दर्द हो सकता है
  • कुछ मामलों में तनाव, चिंता या अवसाद के कारण भी दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

जानिए क्या है क्रोनिक दर्द के उपचार

आयुर्वेदिक दवाएं

चिकित्सक की परामर्श से आप मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं। वे दर्दनाक मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने में मदद मिल सकती है।

स्वस्थ भोजन

हरी और सीजनल सब्जियों के सेवन से इस पेन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। स्वस्थ शारीरिक वजन बनाए रखने से आपके शरीर से शारीरिक तनाव कर हो सकता है। जिससे पेन को कम करने में मदद मिलती है।

भौतिक चिकित्सा

फिजिकल एक्ससाइज, स्ट्रेचिंग व्यायाम जैसे उपायों का उपयोग करके, पुराने दर्द को कम करने में सहायता कर सकता है। यह आपके ज्वाइंट्स के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायता कर सकता है।

व्यायाम

व्यायाम आपकी मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। जिससे आपके जोड़ों पर दबाव से राहत मिलती है। नियमित व्यायाम के लाभों से मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा और पीठ या जोड़ों के दर्द जैसे पुराने दर्द में राहत दिला सकता है।

स्ट्रेचिंग

स्ट्रेचिंग से आपकी मांसपेशियां ढीली रहती हैं। जिस वजह से आपके जोड़ों पर दबाव कम हो सकता है। नियमित स्ट्रेचिंग दिनचर्या आपकी मांसपेशियों को मजबूत और स्वस्थ रखती है।

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