केजरीवाल और संजय सिंह के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया समन, जानिए पूरा मामला

संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। अहमदाबाद की एक कोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी की अकादमिक डिग्री को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय के खिलाफ व्यंग्यात्मक और अपमानजक बयान देने पर दायर आपराधिक मानहानि की एक शिकायत के सिलसिले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और ‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को सम्मन जारी किया है।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयेशभाई चोवटिया की अदालत ने शनिवार को ‘आप’ के इन दो नेताओं को 23 मई को पेश होने के लिए सम्मन जारी किया। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय के पंजीयक पीयूष पटेल की एक शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत एक मामला बनता है।

अदालत ने मामले के वाद शीर्षक में केजरीवाल के नाम से ‘मुख्यमंत्री’ हटाने का भी आदेश देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी निजी हैसियत से ये बयान दिए। गुजरात उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री की डिग्री पर गुजरात विश्वविद्यालय को सूचना उपलब्ध कराने के मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द करने का फैसला दिया था जिसके बाद केजरीवाल और सिंह ने ये टिप्पणियां की थी।

शिकायतकर्ता के अनुसार, उन्होंने मोदी की डिग्री को लेकर विश्वविद्यालय पर निशाना साधते हुए संवाददाता सम्मेलनों में तथा ट्विटर पर ‘‘अपमानजनक’’ बयान दिए। उन्होंने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय को निशाना बनाने वाली उनकी टिप्पणियां अपमानजनक थी और ये संस्थान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती है जिसने जनता के बीच अपना नाम बनाया है।

गुजरात विश्वविद्यालय की स्थापना 70 से अधिक साल पहले हुई

पीयूष पटेल के वकील अमित नायर ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय की स्थापना 70 से अधिक साल पहले हुई। नायर ने कहा कि लोगों के बीच इसकी प्रतिष्ठा है और आरोपियों की बयानबाजी से विश्वविद्यालय के बारे में अविश्वास पैदा होगा।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बयान विश्वविद्यालय के लिए अपमानजनक हैं क्योंकि ये व्यंग्यात्मक थे और इनका उद्देश्य विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना है। इन्हें इसी इरादे से मीडिया तथा ट्विटर हैंडल पर साझा किया गया।

शिकायकर्ता ने केजरीवाल के हवाले से टिप्पणियों का संदर्भ देते हुए कहा कि ‘अगर कोई डिग्री है और वह असली है तो इसे दिखाया क्यों नहीं जा रहा ? वे डिग्री नहीं दे रहे हैं क्योंकि यह फर्जी हो सकती है और अगर प्रधानमंत्री दिल्ली विश्वविद्यालय तथा गुजरात विश्वविद्यालय में पढ़े तो गुजरात विश्वविद्यालय को जश्न मनाना चाहिए कि हमारा छात्र देश का प्रधानमंत्री बन गया’। शिकायतकर्ता के अनुसार, संजय सिंह ने कहा था कि ‘वे प्रधानमंत्री की फर्जी डिग्री को असली साबित करने की कोशिश कर रहे हैं’।

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